एस मिश्रा, मैरवा, सीवान, बिहार
मैरवा के प्राणगढ़ी स्थित मां बाल मुखी चिकित्सालय में शनिवार की रात्रि 8 बजे इलाज के दौरान एक 5 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। मृतक मैरवा के कुम्हार टोली निवासी ध्रुप प्रजापति के छोटे बेटे दीपक कुमार प्रजापति का इकलौता बेटा सागर प्रजापति है। पेट दर्द की शिकायत पर परिजनों द्वारा उसे डाक्टर अमरजीत गुप्ता की क्लीनिक में इलाज के लिए लाया गया था। परिजन उसकी मौत को लेकर चिकित्सक की लापरवाही तो चिकित्सक हृदय गति रुकने के कारण हुई मौत बता रहे हैं। उसकी मौत के बाद परिजन चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए क्लीनिक के बाहर मृतक का शव रख घंटों हंगामा किया। स्थानीय लोगों द्वारा मामले को सुलह कराए जाने के बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया।
मामले के संबंध में परिजनों ने बताया कि 4 दिन पहले बुखार होने पर सागर को डॉक्टर अमरजीत गुप्ता को दिखाया गया था। अगले दिन पेट दर्द की शिकायत पर उसे दुबारा डॉक्टर को दिखाया गया जहां डॉक्टर ने दवा देकर उसे जांच हेतु अगले दिन बुलाया। शनिवार की दोपहर हुई जांच में बच्चे के पेट में सूजन की शिकायत मिली। इसके बाद चिकित्सक द्वारा बच्चे को अपने चिकित्सालय में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। बच्चे द्वारा पेट दर्द की शिकायत करने पर कंपाउंडर द्वारा इंजेक्शन दिया गया जिसके बाद से बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तथा उसने थोड़ी देर में ही दम तोड दिया।
डॉक्टर ने बच्चे की मौत के बाद उसे अपनी गाड़ी से सिवान रेफर कर दिया जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन बच्चे के शव को डॉ अमरजीत गुप्ता के क्लीनिक के बाहर रख कर हंगामा करने लगे। परिजनों द्वारा 112 नंबर पर फोन कर पुलिस बुलाई गई। पुलिस के आने के बाद भी लाखों प्रयासों के बावजूद डॉक्टर बाहर नहीं आए। परिजन बच्चे को घर ले गए। रविवार की सुबह बच्चे की मौत से आक्रोशित परिजन दर्जनों की संख्या में चिकित्सालय पहुंच कर हंगामा करने लगे। प्रबुद्ध लोगों द्वारा उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया गया।
हंगामे की सूचना पर वहां चिकित्सा विभाग से जुड़े मध्यस्थों की भीड़ लग गई। घंटों बातचीत के बाद उनके द्वारा मामले को सुलह करा दिया। इसको लेकर थाने में कोई आवेदन नहीं दिया गया है।
मामले को लेकर पूछे जाने पर डॉ अमरजीत गुप्ता का कहना था कि बच्चे को हर्ट की समस्या होने पर सिवान रेफर किया गया जहां बच्चे की मौत हो गई।
वही प्रभारी सिविल सर्जन प्रमोद पांडे का कहना था कि वह एक टीम गठित कर मामले की जांच कराएंगे। दोषी पाए जाने पर क्लीनिक संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।