चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ आज शाम तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों से टकराएगा।
इसे देखते हुए कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान जारी है।
अनुमान है कि चक्रवाती तूफान ओडिशा के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के कलिंगपटनम जिले के बीच तटीय इलाकों से टकराएगा और इस दौरान हवा की रफ्तार 95 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
पाकिस्तान ने इस तूफान को ‘गुलाब’ नाम दिया है।
रविवार सुबह गोपालपुर से 270 किमी दूर था तूफान
रविवार सुबह भारतीय मौसम विभाग की तरफ से जारी अपडेट के अनुसार, यह चक्रवाती तूफान ओडिशा के गोपालपुर से लगभग 270 किलोमीटर और कलिंगपटनम से 330 किलोमीटर दूर था।
विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तर और मध्य हिस्से पर बना गहरे दबाव का क्षेत्र 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ा है।
इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भी उच्च स्तर पर हालात की समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए हैं।
राहत टीमों को किया गया तैनात
तूफान के बाद राहत और बचाव कामों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 13 टीमों को ओडिशा और पांच को आंध्र प्रदेश भेजा गया है। साथ ही कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई के मार्ग बदले गए हैं।
सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए जा रहे लोग
ओडिशा सरकार ने चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले सात जिलों में लोगों को सुरक्षित पहुंचाने का अभियान शुरू कर दिया है।
गंजम और गजपति जिले पर खास ध्यान दिया जा रहा है, जहां तूफान के कारण सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। अकेले गंजम जिले में 15 बचाव टीमों को तैनात किया गया है।
चार महीने पहले आए ‘यास’ के बाद ओडिशा के तट से टकराने वाला ‘गुलाब’ दूसरा चक्रवाती तूफान होगा।
मौसम विभाग का अनुमान है कि तूफान के कारण बनी परिस्थितियों के चलते दक्षिण ओडिशा और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। साथ ही तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हल्की से भारी बारिश होने का अनुमान है।
विभाग का कहना है कि सोमवार को भी दक्षिण छत्तीसगढ़ के कई इलाकों, पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र, विदर्भ और दूसरे इलाकों में भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
तूफान के चलते समुद्र में काफी उथल-पुथल रहेगी और ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इस वजह से प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में जाने से रोक दिया है। मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान के तटीय इलाकों में न जाने को कहा गया है।