दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर: स्कूल बंद, जेएनयू में ऑनलाइन कक्षाएं, एक्यूआई गंभीर स्तर पर
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गुरुवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस आपात स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने कई कड़े कदम उठाए हैं।
स्कूल बंद और ऑनलाइन कक्षाओं का निर्णय
प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला किया है। प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के बच्चों को विशेष रूप से घर पर रहने और बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपनी सभी कक्षाओं और शैक्षणिक गतिविधियों को ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि यह फैसला छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
एक्यूआई के असर और स्वास्थ्य पर प्रभाव
दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में AQI 450 के पार पहुंच चुका है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर पर प्रदूषित हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। बच्चे, बुजुर्ग और सांस संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोग इस प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
प्रदूषण के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य, और औद्योगिक गतिविधियां वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, सर्दियों में हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण के कण वातावरण में फंस जाते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है।
सरकार की ओर से उठाए गए कदम
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण कार्यों और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव, धूल पर नियंत्रण और सार्वजनिक स्थानों की सफाई जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही, लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने और घर में रहने की अपील की गई है।
लोगों को दी गई सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें और घरों में वायु शुद्धिकरण उपकरणों का उपयोग करें। साथ ही, खुले में व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियों से बचने की सिफारिश की गई है।
दीर्घकालिक समाधान की जरूरत
दिल्ली-एनसीआर में हर साल सर्दियों में प्रदूषण का यह संकट खड़ा होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की जरूरत है। पराली जलाने का प्रबंधन, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा, और हरित ऊर्जा का उपयोग इस दिशा में अहम कदम हो सकते हैं।
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए प्रशासन और नागरिकों को मिलकर प्रयास करना होगा। तभी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।