तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से उसकी मदद करने को लेकर पाकिस्तान की जमकर आलोचना हो रही है।
पाकिस्तान ने पंजशीर पर कब्जा करने के लिए भी तालिबान की मदद की है। इसको लेकर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध फूट पड़ा है। लोग सड़कों पर उतरकर पाकिस्तानी विरोधी नारे लगा रहे हैं।
इसी बीच तालिबान ने मंगलवार को काबुल में आयोजित पाकिस्तान विरोधी रैली पर फायरिंग कर दी। इसमें कुछ लोगों के घायल होने की सूचना है।
काबुल में दो दिनों से हो रहा है पाकिस्तान का विरोध
बता दें कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद भी तालिबान पंजशीर पर कब्जा नहीं कर पा रहा था।
कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद के नेतृत्व में नॉर्दर्न अलांयस की सेना तालिबान के लिए सबसे बड़ी मुश्किल बन गई थी।
इसी बीच पाकिस्तान ने दो दिन पहले पंजशीर पर ड्रोन से हमला कर दिया। उसके बाद पंजशीर पर भी तालिबान का कब्जा हो गया है।
इसको लेकर अफगानिस्तान के लोग पाकिस्तान का विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के सरकार गठन में हो रही देरी के बीच पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद 4 सितंबर को काबुल पहुंचे थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हमीद ने तालिबान के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की है और सरकार में हक्कानी नेटवर्क के उचित प्रतिनिधित्व की बात उठाई है। उनके अफगानिस्तान पहुंचने के बाद से ही लोग जमकर विरोध कर रहे हैं और रैलियां निकाल रहे हैं।
तालिबान ने की विरोध रैली पर फायरिंग
इंडिया टुडे के अनुसार, अफगानिस्तान के लोगों ने सोमवार रात से काबुल में जगह-जगह पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया था। मंगलवार को हजारों की संख्या में महिला और पुरुष सड़कों पर उतर आए और रैलियां निकाली।
इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान मुर्दाबाद, आजादी और सपोर्ट पंजशीर के नारे भी लगाए। जैसे ही यह रैली राष्ट्रपति भवन के पास पहुंची, वैसी तालिबानी लड़ाकों ने फायरिंग शुरू कर दी। इससे मौके पर भगदड़ मच गई।
प्रदर्शनकारियों ने ISI प्रमुख की होटल के बाहर भी लगाए नारे
प्रदर्शनकारी सुबह से ही काबुल की सड़कों पर उतरे हुए हैं। उनका कहना है कि अफगानिस्तान को एक स्वतंत्र सरकार चाहिए न कि कोई पाकिस्तानी कठपुतली सरकार। लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान छोड़ो जैसे नारे लगा रहे हैं।
इस दौरान लोगों ने राष्ट्रपति भवन के पास स्थित काबुल सेरेना होटल के बाहर भी पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए।
कहा जा रहा है कि ISI प्रमुख हमीद इसी होटल में ठहरे हुए हैं। ऐसे में तालिबान ने फायरिंग कर दी।
अफगानिस्तानी नागरिकों ने अमेरिका में भी किया प्रदर्शन
बता दें कि अफगानिस्तान के नागारिकों ने वाशिंगटन में भी व्हाइट हाउस के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। लोग तालिबान का समर्थन करने को लेकर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है।
हमेशा से तालिबान का समर्थक रहा है पाकिस्तान
बता दें कि अफगानिस्तान और अमेरिका के साथ सालों से जारी युद्ध में पाकिस्तान ने हमेशा तालिबान का समर्थन किया है। तालिबान ने लगातार पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया है।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने तो यह भी कहा था कि पाकिस्तान नए तालिबान प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इसी तरह पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान, तालिबान का ‘संरक्षक’ रहा है और लंबे वक्त तक उनकी देखभाल की है।