केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट को ‘चिंताजनक वेरिएंट’ बताते हुए जिन तीन राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं, उन राज्यों को चेतावनी जारी की है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश शामिल हैं जहां जिनोम सीक्वेंसिंग में इस वेरिएंट के 22 मामले मिले हैं।
महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव, केरल के पलक्कड़ और पठानमथिट्टा और मध्य प्रदेश के भोपाल और शिवपुरी में डेल्टा प्लस से संक्रमण के मामले मिले हैं।
इन तीनों राज्यों को एडवाइजरी भेजे जाने की जानकारी देते हुए केंद्र सरकार ने कहा, “राज्यों के मुख्य सचिवों को इन जिलों और क्लस्टर्स में कंटेनमेंट के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी गई है जिनमें भीड़ और लोगों का मिलना-जुलना रोकना, बड़े पैमाने पर टेस्टिंग, विस्तृत टेस्टिंग और वैक्सीनेशन आदि शामिल हैं… ये कदम लगभग पहले वाले ही होंगे, लेकिन इन्हें अधिक केंद्रित और प्रभावी बनाना होगा। हम नहीं चाहते कि ये कम मामले ज्यादा हो जाएं।”
बता दें कि कई विशेषज्ञ डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका जता चुके हैं और महाराष्ट्र में तो इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।
राज्य सरकार डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित पाए गए लोगों का यात्रा इतिहास और वैक्सीनेशन स्टेटस चेक कर रही है।
सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि इस वेरिएंट के बारे में अभी बहुत कम पता है और ये नौ देशों में पाया जा चुका है।
महाराष्ट्र की कोविड टास्क फोर्स के सदस्य ओम श्रीवास्तव ने कहा, “ये चिंतनीय है क्योंकि हमें इसके बारे में बहुत कुछ नहीं पता है, ये कैसे व्यवहार करेगा आदि… हमें पता है कि दुनिया के बाकी हिस्सों में डेल्टा वेरिएंट को अधिक संक्रामक पाया गया है। ये बहुत तेजी से फैलता है और ये थोड़े से समय में ही कई लोगों को एक साथ संक्रमित कर सकता है।”
डेल्टा प्लस के अधिक गंभीर बीमारी करने की आशंका भी है।
सबसे पहले भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) में अब एक और म्यूटेशन हुआ है। इस म्यूटेशन के साथ इसे ‘डेल्टा प्लस’ या ‘AY.1’ वेरिएंट के नाम से जाना जा रहा है।
डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में K417N म्यूटेशन होने के बाद यह डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है। यह वेरिएंट अभी तक भारत समेत 10 देशों में पाया जा चुका है।
यह एंटीबॉडी कॉकटेल से मिली सुरक्षा को चकमा देने में भी कामयाब हो रहा है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट्स में शामिल प्रोफेसर शाहिद जमील ने कहा कि ये वेरिएंट वैक्सीन और संक्रमण दोनों तरह की इम्युनिटी को मात देने में कामयाब हो सकता है।
उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, “डेल्टा प्लस वेरिएंट में K417N म्यूटेशन है जो दक्षिण अफ्रीका में मिले बीटा वेरिएंट में भी था। ये स्थापित है कि बीटा वेरिएंट अल्फा और डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले वैक्सीनों को चकमा देने में ज्यादा कामयाब रहता है।”