कई दिनों से चली आ रही अटकलों के बीच भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। वे शाम 4 बजे के करीब राज्यपाल से मिलें और उन्हें अपनी इस्तीफा सौंप दिया।
इसी के साथ उनका नाम उन बेहद चुनिंदा नेताओं में शामिल हो गया है जिन्हें मोदी-शाह की भाजपा में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
रावत को इस्तीफा क्यों देना पड़ा, आइए इसके कारणों के बारे में जानते हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के पीछे सबसे बड़ा कारण उत्तरखंड के विधायकों, मंत्रियों और सांसदों का उनसे नाराज होना बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई विधायक, सांसद और मंत्री रावत के काम करने के तरीके से खुश नहीं थे और उन्होंने रावत को “औसत से कम” रेटिंग दी थी।
इसके अलावा उन्होंने रावत पर उनसे संवाद न करने और अनिश्यच की स्थिति में रहने का आरोप भी लगाया था।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के चार मंत्रियों समेत कम से कम 10 विधायक पिछले कुछ समय से रावत के खिलाफ दिल्ली में ही डेरा डाले हुए थे।
इन बागी नेताओं का कहना था कि अगर रावत मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहते हैं और भाजपा उनके नेतृत्व में अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में उतरती है तो पार्टी का जीतने की संभावना न के बराबर है।
विधायकों और मंत्रियों की इसी नाराजगी को देखते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दो केंद्रीय पर्यवक्षकों- रमन सिंह और दुष्यंत गौतम- को देहरादून भेजा था।
इन दोनों ने शनिवार को मुख्यमंत्री रावत और पार्टी विधायकों के साथ आपातकालीन बैठक की। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ विधायकों ने अल्टीमेटम दे दिया था कि अगर रावत को हटाया नहीं गया तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
सिंह और गौतम ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी थी।
यह रिपोर्ट मिलने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सोमवार को त्रिवेंद्र रावत को दिल्ली तलब किया था और उनके साथ बैठक की थी।
माना जा रहा है कि इसी बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने रावत को स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। दरअसल, पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता था कि उन्हें रावत के चेहरे के कारण आगामी विधानसभा में कोई चुनाव हो और इसी कारण ये फैसला लिया गया है।
भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटें जीतने के बाद 60 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था। इससे पहले उनका नाम बहुत ज्यादा चर्चा में नहीं रहा था और वे लो-प्रोफाइल रहकर ही काम करते रहे हैं।
अब उनकी जगह मुख्यमंत्री के लिए जो नाम आगे चल रहे हैं, उनमें राज्य सरकार में मंत्री धन सिंह रावत और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक प्रमुख हैं।