Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
ज्यादा ही घातक है ओमिक्रॉन - श्रीनारद मीडिया

ज्यादा ही घातक है ओमिक्रॉन

कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से दोबारा संक्रमण होने का खतरा डेल्टा और बीटा वेरिएंट की तुलना में तीन गुना अधिक है।
दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों के शुरुआती अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है, जो ओमिक्रॉन की पहले संक्रमण से मिली सुरक्षा को चकमा देने की क्षमता दिखाती है।
यह अध्ययन देश के स्वास्थ्य तंत्र की तरफ से इकट्ठा किए गए आंकड़ों पर आधारित है और अभी तक इसका पीयर रिव्यू नहीं किया गया है।
कब माना जाता है पुन: संक्रमण का मामला?
दक्षिण अफ्रीका में 27 नवंबर तक संक्रमित पाए गए करीब 28 लाख लोगों में से 35,670 संदिग्ध पुन: संक्रमण के मामले थे। अगर कोई व्यक्ति 90 दिनों के अंतराल के बाद दोबारा संक्रमित पाया जाता है तो उसे पुन: संक्रमण का मामला माना जाता है।

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

डेल्टा की लहर के दौरान संक्रमित हुए थे अधिकतर लोग
महामारी की मॉडलिंग करने वाले सेंटर की निदेशक जुलियट पुलियाम ने बताया कि वो लोग दोबारा संक्रमित पाए गए हैं, जो पहली तीनों लहरों के दौरान संक्रमित हुए थे और इनमें से अधिकतर में डेल्टा वेरिएंट की लहर के दौरान संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
हालांकि, उन्होंने बताया कि उन्हें दोबारा संक्रमित पाए गए लोगों के वैक्सीनेशन की स्थिति की जानकारी नहीं है। इसलिए ओमिक्रॉन की वैक्सीन को चकमा देने की क्षमता पता नहीं चल पाई है।
बीमारी की गंभीरता का अभी तक नहीं चल पाया पता
पुलियाम ने बताया कि पहले संक्रमित पाए गए लोगों में दोबारा संक्रमित होने पर बीमारी की गंभीरता का पता लगाने के लिए और आंकड़ों की जरूरत है। बता दें कि कई जानकारों ने दक्षिण अफ्रीका के इस अध्ययन को ‘उच्च गुणवत्ता’ वाला बताया है।
समाचार एजेंसी A N I से बात करते हुए दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिशन की प्रमुख एंजलिक कोएत्जी ने कहा कि अधिकतर मरीजों में थकान, बदनदर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं और किसी ने भी गंध या स्वाद जाने की शिकायत नहीं की है। इससे लग रहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर पर यह डेल्टा से कम खतरनाक वेरिएंट है। अस्पताल के स्तर पर चीजें बदल सकती हैं, लेकिन अभी तक भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढी नहीं है।
अभी तक सुरक्षा दे रही हैं वैक्सीनें
कोएत्जी ने आगे कहा कि अभी तक वैक्सीनें इस वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा दे रही हैं। जिन वैक्सीनेटेड लोगों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनमें महामारी के हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं।
उनसे पहले दक्षिण अफ्रीका की शीर्ष वैज्ञानिक एन्नी वोन गोट्टबर्ग ने भी ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ कोरोना वैक्सीनों के कामयाब होने की उम्मीद जताई थी।
हालांकि, उन्होंने चेताया था कि इसके कारण मामले तेजी से बढ़ेंगे।

दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत कई देशों में मिल चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं।
विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है।
W H O ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं

भारत में भी सामने आए दो मामले
ओमिक्रॉन वेरिएंट भारत तक अपने पैर पसार चुका है। गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि कर्नाटक में दो लोगों को ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है।
दो संक्रमितों में एक 66 वर्षीय विदेशी यात्री था, जो 27 नवंबर को भारत से संयुक्त अरब अमीरात जा चुका है। वहीं दूसरा संक्रमित एक डॉक्टर है और उसके संपर्क में आए पांच लोगों में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!