पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें एक बार फिर से तेज हो गई हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने एक हफ्ते पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर प्रशांत के कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाओं पर चर्चा की।
22 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में कमलनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अजय माकन, आनंद शर्मा, हरीश रावत, अंबिका सोनी और केसी वेणुगोपाल आदि शामिल हुए।
राहुल गांधी ने साझा की प्रशांत किशोर के साथ बैठक की जानकारी
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि बैठक में राहुल गांधी ने हाल ही में प्रशांत किशोर के साथ हुई उनकी बैठक की जानकारी साझा की जिसमें प्रशांत ने कांग्रेस को पुनर्जीवित करने का प्लान बताया था और इसमें खुद की भूमिका की चर्चा भी की थी।
बैठक में शामिल रहे एक नेता ने बताया कि राहुल ने बाहर से सलाहकार की भूमिका निभाने की बजाय प्रशांत के कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाओं पर चर्चा की।
वरिष्ठ नेताओं की राय- उपयोगी हो सकते हैं प्रशांत, लेकिन सीमा तय करना जरूरी
बैठक में प्रशांत के कांग्रेस में शामिल होने के फायदों और नुकसानों के बारे में भी चर्चा की गई और ज्यादातर नेताओं ने कहा कि प्रशांत कांग्रेस के लिए उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन उनकी भूमिका और सीमा तय की जानी चाहिए।
एक नेता ने कहा, “ये नए विचार और रणनीतियां लाने का समय है। प्रशांत किशोर को पार्टी में लाने से कोई नुकसान नहीं है, हालांकि भूमिका पर चर्चा की जा सकती है।”
“कांग्रेस में बहुत प्रतिभा और संभावनाएं”
एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा, “कांग्रेस में बहुत प्रतिभा और संभावनाएं हैं और हमें बेहतर बनने के लिए बदलाव करने के लिए तैयार होना चाहिए।” हालांकि अभी तक इस मुद्दे पर दोनों तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
गौरतलब है कि 13 जुलाई को गांधी परिवार के तीनों सदस्यों ने दिल्ली में प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी और इसके बाद से ही प्रशांत के कांग्रस में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। राहुल और प्रियंका गांधी बैठक में व्यक्तिगत तौर पर शामिल हुए थे, जबकि सोनिया गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसमें शामिल हुई थीं।
कांग्रेस ने कहा था कि इस बैठक में बेहद अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
शरद पवार से भी मिले थे प्रशांत
गांधी परिवार से मिलने से पहले प्रशांत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार से भी दो हफ्ते में तीन बार मिल थे। अटकलें हैं कि प्रशांत 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एक साथ लाने में जुटे हुए हैं।
प्रशांत ने आखिरी बार 2017 में किया था कांग्रेस के साथ काम
प्रशांत किशोर ने आखिरी बार 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ काम किया था। इस अभियान में उन्हें बड़ी असफलता का सामना करना पड़ा था और सपा और कांग्रेस का गठबंधन बुरी तरह से हारा था।
माना जाता है कि कांग्रेस इस चुनाव में किशोर के कहे मुताबिक काम करने में नाकाम रही थी और उनकी कुछ सलाहों को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद से प्रशांत कांग्रेस के साथ काम नहीं करते हैं।