केंद्र सरकार ने एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक (सिंगल-यूज प्लास्टिक) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह अगले साल जुलाई से लागू होगा।
गुरुवार रात जारी गैजेट अधिसूचना में पहली बार सरकार ने उन उत्पादों का जिक्र किया है, जिन पर प्रतिबंध लागू होगा। इनमें कटलरी, इयरबड्स, आइसक्रीम स्टिक जैसे उत्पाद शामिल हैं।
केंद्र ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संसोधन नियम, 2021 के तहत यह अधिसूचना जारी की है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
अधिसूचना में क्या कहा गया है?
पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘1 जुलाई, 2022 से पॉलिस्ट्रीन और एक्सटेंडेड पॉलिस्ट्रीन समेत सिंगल-यूज प्लास्टिक की चीजों का उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल प्रतिबंधित किया जाता है।’
देश में 50 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक थैलों पर पहले से ही प्रतिबंध है। अब मंत्रालय ने सिंगल-यूज थैलों के साथ-साथ दूसरी चीजों को भी चलन से चरणबद्ध तरीके से बाहर की योजना बनाई है।
इस साल 30 सितंबर से 75 माइक्रोन से कम मोटाई के थैलों पर रोक लग जाएगी। इसी तरह अगले साल 31 दिसंबर के बाद 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलिथीन के इस्तेमाल पर पाबंदी लागू की जाएगी।
रिसाइकिल नहीं की जाती प्लास्टिक से बनीं अधिकतर चीजें
इंडियन एक्सप्रेस ने मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है, “इन नियमों को लाने का कारण यह है कि हमें उस प्लास्टिक को चलन से बाहर करना है, जिसे इकट्ठा करने पर ज्यादा खर्च आता है और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है, लेकिन इनकी लागत बहुत कम है।”
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की चीजों के साथ सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इनमें से अधिकतर इकट्ठा कर रिसाइकिल नहीं की जाती।
कम मोटाई वाले थैलों से पर्यावरण को होता है ज्यादा नुकसान
अधिकारी ने बताया कि 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले थैलों पर प्रतिबंध लगाने से पहले उद्योगों को समय दिया गया है ताकि उन्हें नई और अलग तरह की मशीनें लगाने का वक्त मिल सके।
वहीं पर्यावरणविदों का कहना है कि कचरा बिनने वाले पतले की जगह मोटे प्लास्टिक के थैले इकट्ठा करते हैं क्योंकि उनकी कीमत ज्यादा होती है। मोटे थैलों को इकट्ठा करना आसान होता है और इन्हें दोबारा इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
अगले साल जुलाई से प्लास्टिक स्टिक वाले इयरबड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाला पॉलिस्ट्रीन, प्लास्टिक कप-प्लेट समेत कटलरी का दूसरा सामान, मिठाई के डिब्बों को पैक करने में इस्तेमाल होने वाला पॉलिथीन, आमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट और 100 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक और PVC बैनर पर रोक लग जाएगी।
ध्यान दिला दें कि कंपोस्टेबल प्लास्टिक से बनी चीजों पर पाबंदी नहीं होगी।
CPCB रखेगा निगरानी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) राज्यों की प्रदूषण बोर्डों के साथ मिलकर इस पाबंदी पर नजर रखेंगे। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ तय जुर्माना लगाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि प्लास्टिक का विकल्प आसानी से मौजूद है और इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
हालांकि, कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में पहले से ही अगले साल जुलाई में प्रतिबंधित होने वाले उत्पादों पर रोक लगी हुई है।