गोवा में पिछले सप्ताह बेनौलिम बीच पर दो नाबलिग किशोरियों से गैंगरेप और दो किशोरों के साथ हुई मारपीट की वारदात में विरोध का सामना कर रहे मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अब बड़ा ही चौंकाने वाला बयान दिया है।
उन्होंने इसके लिए घटना में जीवित बचे लोग और नाबालिगों के परिजनों को जिम्मेदार ठहराते हुए अपनी सरकार और पुलिस को किसी भी तरह की जिम्मेदारी से दोषमुक्त करार दिया है। इसके बाद अब विपक्ष उन पर हमलावर हो गया है।
चार लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर किया था नाबालिगों से गैंगरेप
बता दें कि गत रविवार को गोवा की राजधानी पणजी से करीब 30 किलोमीटर दूर बेनॉलिम बीच पर चार लोगों ने अपने आप को पुलिसकर्मी बताकर वहां मौजूद दो नाबालिग किशोरियों से गैंगरेप किया था।
आरोपियों ने घटना का विरोध करने वाले दो नाबालिग किशोरों के साथ भी मारपीट की थी। चारों आरोपियों में से एक का सरकारी कर्मचारी होना बताया जा रहा है। इस घटना के बाद से राज्य सरकार और पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस ने चारों आरोपियों को किया गिरफ्तार
मामले में गोवा पुलिस ने गैंगरेप और POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा इसमें मिले एक सरकारी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है। घटना से लोगों में रोष है।
मुख्यमंत्री सावंत ने पीड़ित बच्चों के माता-पिता को ठहराया जिम्मेदार
गोवा विधानसभा में बुधवार को की गई टिप्पणी में मुख्यमंत्री सावंत ने पीड़ित माता-पिता को अपने बच्चों को देर रात तक बाहर निकलने की अनुमति देने के लिए दोषी ठहरा दिया। पीड़ित पूरी रात बीच पर मौजूद थे।
उन्होंने कहा, “जब 14 साल के बच्चे पूरी रात समुद्र तट पर रहते हैं, तो माता-पिता को अपने अंदर झांकने की जरूरत है। सिर्फ इसलिए कि बच्चे घरवालों की नहीं सुनते हैं, हम सरकार और पुलिस पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकते हैं।”
बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है माता-पिता का कर्तव्य- सावंत
गृह मंत्रालय भी संभालने वाले मुख्यमंत्री सावंत ने कहा, “अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना माता-पिता का कर्तव्य है और लड़कियों को रात में घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए, खासकर जब वो नाबालिग हैं।
उन्होंने कहा, “हम पुलिस को दोष देते हैं, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि बीच गए 10 युवाओं में से चार पूरी वहीं रहे, दो लड़के और दो लड़कियां। विशेषकर नाबालिगों को तो समुद्र तटों पर रातें नहीं बितानी चाहिए।”
विधानसभा में मुख्यमंत्री की टिप्पणियों ने विपक्षी नेताओं में आक्रोश पैदा कर दिया है। विपक्ष ने इसके लिए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है और दावा किया कि गोवा में भाजपा शासन महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक हो गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘मुख्यमंत्री को इस तरह के बेतुके बयान देने को लेकर अपना पद छोड़ देना चाहिए।’ गोवा कांग्रेस प्रवक्ता अल्टोन डी’कोस्टा ने राज्य में कानून-व्यवस्था को खराब बताया है।
अन्य नेताओं ने भी जताया है विरोध
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री के बयानों को जिम्मेदारी का बीमार और निर्लज्ज त्याग करार दिया है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी को घृणित करार दिया है।
उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस और राज्य सरकार की है। अगर वे नहीं दे सकते तो मुख्यमंत्री को पद पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री जिम्मेदारी से बचने के लिए परिजनों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।