03 दिसम्बर ? भोपाल गैस त्रासदी कांड पर विशेष
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
भोपाल की गैस त्रासदी पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है। 3 दिसंबर, 1984 को भोपाल में आधी रात के बाद सुबह यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से निकली जहरीली गैस (मिक या मिथाइल आइसो साइनाइट) ने हजारों लोगों की जान ले ली थी।
मरने वालों की संख्या को लेकर मदभेद हो सकते हैं, लेकिन इन त्रासदी की गंभीरता को लेकर किसी को कोई शक, शुबहा नहीं होगा। इसलिए इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि मरने वालों की संख्या हजारों में थी। प्रभावितों की संख्या लाखों में हो तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
उस मनहूस सुबह को यूनियन कार्बाइड के प्लांट नंबर ‘सी’ में हुए रिसाव से बने गैस के बादल को हवा के झोंके अपने साथ बहाकर ले जा रहे थे और लोग मौत की नींद सोते जा रहे थे।
हालांकि गैस रिसाव के आठ घंटे बाद भोपाल को जहरीली गैसों के असर से मुक्त मान लिया गया, लेकिन वर्ष 1984 में हुई इस हादसे से भोपाल उबर नहीं पाया है। और जब तक इसकी याद रहेगी तब तक इसके उबरने की संभावना भी नहीं होगी।
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