03 नवम्बर : छोटी दिवाली क्यों मनायी जाती है
श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः
दीपावली से ठीक एक दिन पहले छोटी दीपावली मनाई जाती है। छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी या काली चौदसी भी कहा जाता है। इस दिन दिए जलाए जाते हैं ठीक वैसे ही जैसे दीपावली पर किया जाता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक चतुर्दशी तिथि पर ही श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इसी के चलते इस दिन का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि किसी स्त्री के हाथों ही नरकासुर का वध हो सकता था इसीलिए भगवान् श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया। इनकी सहायता से ही श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया।
पौराणिक कथा अनुसार नरकासुर ने करीब 16,000 कन्याओं को अपने पास बंदी बना रखा था। श्री कृष्ण ने इस राक्षस का वध कर उन सभी को बन्धन से मुक्त कराया था।
जब श्री कृष्ण ने उन सभी कन्याओं को बन्धन मुक्त कराया तब उन सभी ने कहा कि उन्हें अब समाज में कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। ऐसे में उन सभी 16,000 कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि वो कुछ ऐसा करें जिससे उन सभी को समाज में फिर से सम्मान प्राप्त हो सके। इसके लिए श्री कृष्ण ने सभी कन्याओं को समाज में सम्मान दिलाने के लिए उन सभी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। इसमें सत्यभामा ने भी श्रीकृष्ण की मदद की थी।
मान्यता है कि 16,000 कन्याओं को बन्धन मुक्त कराने और नरकासुर का वध करने के उपलक्ष्य में ही नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान की परंपरा शुरू हुई थी।
यह भी पढे
उपचुनाव में BJP हिमाचल में चारों सीटें हारी, कर्नाटक में मुख्यमंत्री का गृह नगर भी गंवाया.
MGCUB में अब कोर्सों में सेल्फ फाइनेंसिंग से होगी पढ़ाई.
जी-20 देश अहम मुद्दों पर वार्ता करते हैं,लेकिन आर्थिक मुद्दे सबसे महत्वपूर्ण,कैसे?