मीरगंज युवा क्लब ने वितरण किया 101 कम्बल
* गरीबों को मिली बड़ी राहत
* प्रशासन ने नहीं दिया कम्बल
मीरगंज(एसएनबी): बढ़ते कड़ाके की ठंड को देखकर मीरगंज युवा क्लब ने एकलव्य कदम उठाते हुए गरीबों, असहायों को रविवार के दिन कम्बल का वितरण किया। सबको पर अपने दम पर ठेला खींचने वाले, रिक्शा चालकों को जब कंधो पर कम्बल रखकर युवकों ने अभिवादन किया तो उनकी आंखे खुशी से भर आईं। मीरगंज नगर परिषद ने भी कम्बल वितरण का साहस अबतक नहीं उठाया है। लेकिन युवकों की टीम ने मीरगंज युवा क्लब के तत्वाधान में 101 कम्बल व उनी वस्त्र का वितरण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ फिरोज आलम ने सभी असहायों के बीच कंबल वितरण करते हुए कहा कि मीरगंज में ऐसे संस्थाएं है जो दिन दुखियों के लिए अपना क़दम उठाकर समाज सेवा कर रहा है। यही सच्ची सेवा है। सामाजिक कार्यों में युवकों को आगे आना होगा। तभी सामाजिक समरसता कायम रहेगी। कम्बल वितरण कार्यक्रम में हथुआ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजय सिंह, रिजवान अहमद, पर्यावरणविद् डॉ सत्य प्रकाश आदि ने सभी गरीब व असहायों को कम्बल के साथ साथ एक एक पौधा भी उपहार में देकर पर्यावरण बचाने का संकल्प दिलवाया। इस मौके पर पर्यावरणविद् डॉ सत्य प्रकाश ने कहा कि अपने सभी सामाजिक कार्यों में पौधा को शामिल करना चाहिए। यही नया राह दिखाने का कार्य करेगा। एक पौधा सौ पुत्रों के समान होता है ऐसे में इसको लगाकर और इसका संरक्षण कर हम समाज को हरा भरा बना सकेंगे। मीरगंज युवा क्लब के प्रमुख सदस्य सोहेल सैफी और सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि क्लब हमेशा सामाजिक कार्यों में भाग लेते रहा है। अभी 101 कम्बल व पौधा का वितरण किया गया। आगे भी किया जाता रहेगा। इन लोगों ने यह भी कहा कि मीरगंज नगर परिषद को ग्रीन टाउन बनाने की पहल पर्यावरणविद् डॉ सत्य प्रकाश की देखरेख में शुरू की जा चुकी है। जल्द ही सभी के दरवाजे व छतों पर पौधा ही पौधा दिखलाई पड़ेगा। इस मौके मीरगंज युवा क्लब के श्रीमती मीनाक्षी, रिंकू, मो नौशाद अली, वार्ड पार्षद मिथिलेश तिवारी, असगर अली, नेसार अली, सुभाष सिंह, साहिल सैफ़ी, सरोज कुमार रिंकू, अयाजुल अनवर, प्रकाश सिंह, दीपक कुमार, आलोक, कमरुद्दीन, राहुल, शशि, मुन्ना पांडेय,हिमांशु, कमलेश, शाहिल, विकाश, आशीष, आनन्द आदि ने अपने हाथों से सबको एक एक कम्बल देकर गरीबों को ठंड से निजात दिलाने की पहल शुरू किया। यह विदित हो कि अबतक प्रशासन द्वारा इस भीषण ठंड में कम्बल का वितरण करने का जहमत नहीं उठाई है। देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन कब पहल शुरू करती है।