एक दिन में कोरोना संक्रमित 123 लोगों की मौत.

एक दिन में कोरोना संक्रमित 123 लोगों की मौत.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में कोरोना संक्रमित 123 लोगों की मौत हो गयी। इनमें 36 की मौत पटना में हुई जबकि 85 लोगों की मौत बिहार के अन्‍य जिलों में हुई। पटना के चार बड़े अस्पतालों में 36 लोगों की जान चली गयी। एनएमसीएच में 21, पटना एम्स में 9, पीएमसीएच में 4 और आईजीआईएमएस में दो लोगों की मौत कोरोना से हो गयी। जिलों के दो मरीजों की मौत पटना में इलाज के दौरान हो गयी। हालांकि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने कोरोना से शनिवार को 77 संक्रमितों के इलाज के दौरान मौत की पुष्टि की है।

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उत्तर बिहार में कोरोना से 40 की मौत हो गई। सबसे अधिक मुजफ्फरपुर में 16 लोगों की जान चली गई। इनमें 10 लोगों की मौत एसकेएमसीएच में जबकि दो की मौत निजी अस्पतालों में हो गई। चार लोगों की जान होम आइसोलेशन में चली गई। दरभंगा में 13  लोगों की मौत हो गई। इनमें डीएमसीएच में 10 ,निजी अस्पताल में देा और एक व्यक्ति की मौत होम आइसोलेशन में हो गई। इसके अलावा समस्तीपुर के विभिन्न अस्पतालों में पांच, मधुबनी में एक और बेतिया मेडिकल कॉलेज में पांच लोगों की जान कोरोना संक्रमण से चली गई।

मगध, सारण और भोजपुर में 35 लोगों की संक्रमण से मौत हो गई। रोहतास में कुल मिलाकर छह लोगों ने दम तोड़ दिया। जहां मगध, बेगूसराय, कैमूर, नालंदा और बक्सर में चार-चार लोग कोरोना की चपेट में आ गए, वहीं सारण और भोजपुर में तीन-तीन के अलावा गोपालगंज में दो तथा नवादा, औरंगाबाद, वैशाली में एक-एक को कोरोना ने लील लिया।

पूर्वी बिहार में 10 लोगों की कोरोना से मौत हो गई। इनमें से दो भागलपुर के जबकि एक-एक कोरोना मृतक मुंगेर, बांका व मधेपुरा जिले के निवासी थे। बांका व लखीसराय में भी तीन मरीजों की मौत की सूचना है। इनके अलावा जमुई में दो और खगड़िया में एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई।

बिहार में 18 से 44 साल के लोगों के एक मई से शुरू हो रहे कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर 28 अप्रैल से निबंधन की प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने शनिवार को ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने साफ किया कि बिना पूर्व निबंधन के 18 से अधिक उम्र वाले कोरोना टीका नहीं ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि 18 से 44 साल के व्यक्तियों के बीच श्रेणी बनाई जा सकती है। राज्य सरकार इस पर विचार कर रही है। इसको लेकर उच्चस्तरीय बैठक में विचार किया जाएगा।

मनोज कुमार ने बताया कि अब तक सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट ने ही कोरोना के टीका के मूल्य की घोषणा की है, जबकि अन्य टीका निर्माताओं के टीका की मूल्य दर अभी सामने नहीं आई है। राज्य सरकार अपनी जरूरतों को देखते हुए सीरम इंस्टीट्यूट से कोविशिल्ड टीका खरीदने का निर्णय किया है। हालांकि, अभी इसकी संख्या और कब तक खरीद होगी इस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।

आरटीपीसीआर किट की नहीं कोई कमी 
एक सवाल के जवाब में श्री कुमार ने कहा कि राज्य में आरटीपीसीआर जांच किट की कोई कमी नहीं है। राज्य के 18 सरकारी जांच केंद्रों पर आरटीपीसीआर किट से जांच की जा रही है, जिसे लगातार जांच किट उपलब्ध कराई जाती है। कहा कि निजी लैब में आरटीपीसीआर जांच किट की कमी को लेकर बात की जाएगी, ताकि उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। सरकारी जांच केंद्रों पर कहीं- कहीं आरटीपीसीआर सैम्पल लेने की कार्रवाई रोके जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर जांच लैब में कर्मियों के संक्रमित होने के कारण सैम्पल लेने की प्रक्रिया रोकी गयी थी, ताकि सैम्पल लेने के बाद बैकलॉग नहीं बढ़े और खराब न हो। जांच लैब को एक दिन सेनेटाइज करने के लिए बंद करना पड़ता है।

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