’12वीं फेल’ वाले IPS मनोज शर्मा को सेवा के लिए मिला पदक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा को सराहनीय सेवा के लिए मेडल से सम्मानित किया गया है। मनोज शर्मा को सराहनीय सेवा पदक मिला है। उनके जीवन पर ’12वीं फेल’ किताब लिखी गई थी और अभी हाल ही में उन पर ’12वीं फेल’ फिल्म भी बनी थी, जो काफी हिट फिल्म बनीं।
कई अधिकारियों को किया गया सम्मानित
आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा के अलावा अन्य कई अधिकारियों को सम्मानित किया गया है। मनोज शर्मा उन 37 केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों में शामिल हैं, जिन्हें 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर विभिन्न पुलिस और अग्निशमन सेवा पदकों से सम्मानित किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र कैडर के 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा, बिहार कैडर के उनके बैचमेट जितेंद्र राणा और कुछ अन्य अधिकारियों को सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) प्रदान किया गया।
मनोज शर्मा के जीवन पर बनी है 12वीं फेल फिल्म
बता दें कि विधु विनोद चोपड़ा ने मनोज शर्मा के जीवन पर ’12वीं फेल’ फिल्म बनाई है। इससे पहले लेखक अनुराग पाठक ने ’12वीं फेल’ किताब लिखी थी, जो सबसे ज्यादा बिकने वाले उपन्यास में शुमार है। फिल्म में मनोज शर्मा और उनकी पत्नी आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी की कहानी है।
जानकारी के अनुसार, मनोज शर्मा और जितेंद्र राणा दोनों सीआईएसएफ अधिकारी हैं। दोनों अधिकारी विमानन सुरक्षा विंग (एएसजी) में तैनात हैं। मनोज शर्मा मुंबई हवाई अड्डा पर मुख्य हवाईअड्डा सुरक्षा अधिकारी के रूप में सीआईएसएफ इकाई के प्रमुख हैं और इसी पोस्ट पर जितेंद्र राणा दिल्ली हवाई अड्डा पर तैनात हैं।
बता दें कि सीआईएसएफ में करीब 1.80 लाख कर्मी हैं, जो देश के 68 नागरिक हवाई अड्डों के अलावा परमाणु और एयरोस्पेस क्षेत्रों में अपनी सेवा दे रहे हैं। वहीं, हाल ही में इन्हें संसद की सुरक्षा में शामिल किया गया है।
एक फिल्म आई और उसने लोगों के दिलों पर अपना जादू चला दिया। एस्पिरेंट से एक अफसर बनने वाले एक शख्स की कहानी को पर्दे पर पिरोया मंझे हुए एक्टर विक्रांत मैसी ने। हम बात कर रहे हैं फिल्म ’12th फेल’ की। इस फिल्म में आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की जिंदगी की कठिनाइयों को दिखाया गया है। इस फिल्म में जिसने सबका ध्यान खींचा वो था मनोज शर्मा की पत्नी श्रद्धा शर्मा के किरदार ने।
12th फेल फिल्म में श्रद्धा के किरदार को अभिनेत्री मेधा शंकर ने निभाया है, लेकिन हम आपको आज मिलवाएंगे असली वाली श्रद्धा जोशी से। कहते हैं कि हर कामयाब पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ होता है, ये इस कहानी में सटीक बैठता है। श्रद्धा जोशी वो महिला हैं जिन्होंने मनोज कुमार शर्मा के आईपीएस मनोज कुमार शर्मा बनने तक उनकी हर एक कठिनाइयों में उनका साथ दिया।
अल्मोड़ा की श्रद्धा से आइआरएस बनने तक का सफर
श्रद्धा उत्तराखंड से ताल्लुक रखती हैं। इसलिए इस फिल्म का क्रेज उत्तराखंड में भी देखने को मिला और खासकर के अल्मोड़ा में। इनके किरदार को लेकर अल्मोड़ा में भी लोगों को क्रेज है। फिल्म को युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में लगन और मेहनत के बल पर ऊंचे मुकाम पर पहुंचने तक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म में अल्मोड़ा की रहने वाली वर्तमान में आइआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी के संघर्ष की कहानी को दर्शाया गया।
जब UPSC के लिए दिल्ली आई थी श्रद्धा
श्रद्धा वो महिला हैं जिन्होंने अपने प्यार को भी प्रेरित किया और खुद भी सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। अल्मोड़ा की रहने वाली श्रद्धा जोशी ने भी अपने जीवन में कड़े संघर्ष किए। श्रद्धा के पिता प्रो. जीसी जोशी सोबन सिंह जीना परिसर के जंतु विज्ञान विभाग में प्राध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं श्रद्धा की माता लीला जोशी आर्य कन्या इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में शिक्षिका थी। वह भी अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। अल्मोड़ा की श्रद्धा दिल्ली UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली आई थीं।
ऐसे मिले थे श्रद्धा और मनोज
एक इंटरव्यू में श्रद्धा ने बताया था कि वो UPSC की तैयारी की लिए अल्मोड़ा से दिल्ली आई थीं। यहां उन्होंने एक कोचिंग ज्वाइन की थी। यहीं पर वो मनोज कुमार शर्मा से पहली बार मिली थी। दोनों में बातें हुई और यहीं से शुरू हो गया था दोनों का सफर। दिल्ली में तैयारी करते हुए श्रद्धा जोशी का चयन उत्तराखंड में डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था व मनोज शर्मा चौथे प्रयास में आईपीएस अफसर बने। श्रद्धा ने साल 2005 में UPSC क्लियर किया था।
शादी के बंधन में बंधे श्रद्धा और मनोज
मुखर्जी नगर के ‘दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर’ में दोनों मिले। इंट्रोडक्शन कुछ ऐसा था.. आप मनोज शर्मा हैं न…मैं श्रद्धा.. अल्मोड़ा से। मनोज शर्मा कहते हैं कि उन्हें श्रद्धा का नाम बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ी दिल के बड़े साफ होते हैं। होते तो हैं तभी श्रद्धा और मनोज आज युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा बन गए हैं। मुखर्जी नगर से शुरू हुई ये प्रेम कहानी सफलता के साथ ही शादी के बंधन में बंध गई।
यहां पोस्टेड हैं श्रद्धा
श्रद्धा जोशी एक भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हैं और वर्तमान में मुंबई में अपनी सेवाएं दे रही हैं। मनोज और श्रद्धा की लव स्टोरी ने सभी का दिल जीत लिया। श्रद्धा उन चंद महिलाओं में से हैं जिन्होंने पहले प्यार किया और फिर अपने प्यार को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाया। जीजीआइसी अल्मोड़ा में प्रवक्ता के पद पर तैनात श्रद्धा की बुआ विजया पंत ने बताया कि माता-पिता के साथ भाई हिमांशु जोशी दिल्ली में रहता है। छोटी बहन दीक्षा जोशी एमबीबीएस करने के बाद इंदौर में हैं।
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