30-20-50 के फार्मूले पर जारी हो सकता है 12वीं का परिणाम, सीबीएसई सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी रिपोर्ट.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के लिए बिना परीक्षा लिए 12वीं का परिणाम जारी करना बड़ी चुनौती है। बोर्ड ने इसके लिए एक कमेटी भी बनाई है, जो 17 जून को मूल्यांकन के लिए अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।
15 फीसद के लिए हो सकता है एक और आंतरिक मूल्यांकन
कमेटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 12वीं का परिणाम जारी करने से पहले 15 फीसद अंकों के लिए एक और आंतरिक मूल्यांकन हो सकता है ताकि जो छात्र किसी कारणवश 12वीं की प्री-बोर्ड या मध्यावधि परीक्षाओं में बेहतर नहीं कर पाए हैं पर बोर्ड परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर रहे थे, उनको इसका लाभ मिल सके। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस मूल्यांकन का आधार क्या होगा?
सीबीएसई ने 12वीं के रिजल्ट जारी करने का तैयार किया मूल्यांकन का फार्मूला
12वीं के परिणाम जारी करने के लिए सीबीएसई 30-20-50 के फार्मूले के आधार पर मूल्यांकन कर सकता है। इसमें 10वीं के 30 फीसद अंक, 11वीं के 20 फीसद अंक और 12वीं के 50 फीसद अंकों को शामिल किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक कमेटी 11वीं के 20 फीसद अंक को ही जोड़ने के पक्ष में है, क्योंकि 11वीं में छात्रों के सामने कई समस्याएं होती हैं। संकाय अलग-अलग होने के कारण काफी समय विषय को समझने में ही निकल जाता है। यह भी देखने में आया है कि 12वीं पर फोकस होने के कारण कई छात्र 11वीं में ज्यादा गंभीरता से परीक्षा नहीं देते।
मूल्यांकन में 12वीं के 50 फीसद अंकों को शामिल करने के पक्ष में मजबूत तर्क
मूल्यांकन में 12वीं के 50 फीसद अंकों को शामिल करने के पक्ष में मजबूत तर्क है। चूंकि 12वीं की साल भर की पढ़ाई के आधार पर ही बोर्ड की परीक्षा होती है, इसलिए इसके अंक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इन 50 फीसद अंकों में 35 फीसद अंक प्री-बोर्ड, मध्यावधि परीक्षा, आंतरिक मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा के हो सकते हैं।
बोर्ड को भेजे जाएंगे प्रायोगिक परीक्षा के अंक
कोरोना महामारी के चलते कई स्कूलों ने प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं कराई थीं। ऐसे में उन्हें आनलाइन ही प्रायोगिक परीक्षा करा कर अंक 28 जून तक अपलोड करने को कहा गया है। इन अंकों को बोर्ड को भेजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक 12वीं के परिणाम में प्रायोगिक परीक्षा के अंक बहुत महत्वपूर्ण होंगे।
सभी राज्यों का देखा जाएगा औसत
सूत्रों के मुताबिक, कमेटी की कोशिश है कि सीबीएसई का परिणाम सभी मापदंडों पर खरा हो और छात्र भी इससे संतुष्ट हों। साथ ही, राज्यों के परिणाम में ज्यादा अंतर नहीं रहे। इसके लिए परिणाम जारी करने से पहले सभी राज्यों का औसत देखा जाएगा।
मूल्यांकन का फार्मूला :
-10वीं के 30 फीसद अंक
– 11वीं के 20 फीसद अंक
– 12वीं के 50 फीसद अंक।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अगस्त के महीने में कक्षा 12 के परिणाम घोषित करने की संभावना है. नवीनतम अपडेट के अनुसार, बोर्ड फरवरी-मार्च में आयोजित सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों के साथ-साथ अंतिम परिणाम गणना में आंतरिक मूल्यांकन पर विचार करेगा. उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि सीबीएसई 18 जून तक मूल्यांकन मानदंड सुप्रीम कोर्ट को प्रस्तुत करेगा. सीबीएसई ने सबसे पहले 1 जून को बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द की थी. इसके बाद कई राज्य बोर्डों ने भी अपनी बोर्ड परीक्षा कैंसल कर दी.
क्या है 30:30:40 फॉर्मूला
टीओआई की एक खबर के अनुसार सीबीएसई द्वारा नियुक्त पैनल रिजल्ट तैयार करने के लिए 30:30:40 फॉर्मूला के पक्ष में है. यानी 10वीं और 11वीं कक्षा के फाइनल रिजल्ट को 30% वेटेज दिया जाएगा और 12वीं कक्षा के प्री बोर्ड एग्जाम को 40% वेटेज दिया जाएगा.
28 जून तक अपलोड किए जाएंगे प्रैक्टिकल टेस्ट के मार्क्स
स्कूलों में प्रैक्टिकल टेस्ट आयोजित नहीं किए जा सके हैं, उन्हें ऑनलाइन प्रैक्टिकल टेस्ट और ओरल आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि बारहवीं कक्षा के इंटरनल असेसमेंट के मार्क्स 28 जून तक सीबीएसई सिस्टम पर अपलोड किए जाने हैं
सीबीएसई कक्षा 12 के छात्रों को जानना चाहिए पांच बड़े अपडेट यहां दिए गए हैं:
- सीबीएसई कक्षा 12 के परिणाम 2021 की घोषणा 15 अगस्त तक होने की संभावना है.
- सूत्रों के अनुसार, सीबीएसई 16 जून तक मूल्यांकन मानदंड जारी करेगा और सीबीएसई द्वारा सीबीएसई कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा 2021 के परिणाम के लिए अपनाई गई नई अंकन नीति 18 जून को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.
- यह पता चला है कि 13 सदस्यीय पैनल कक्षा 12 के छात्रों का उनके दसवीं और ग्यारहवीं कक्षा से अंतिम परीक्षा के अंकों और बारहवीं कक्षा के आंतरिक अंकों के आधार पर मूल्यांकन करने के पक्ष में है.
- सुप्रीम कोर्ट 17 जून को राज्य बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग करने वाली अनुभा श्रीवास्तव सहाय (अध्यक्ष इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन वकील और बाल अधिकार कार्यकर्ता) और एडवोकेट ममता शर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा.
- 3 जून को, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई को मूल्यांकन फॉर्मूला लाने के लिए दो सप्ताह का समय दिया. उसके बाद, बोर्ड ने 4 जून को 13 सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसे 14 जून को 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी थी.
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