15 नवम्बर ? जनजातीय गौरव दिवस पर विशेष
बिरसा मुंडा की जयंती पर हर साल मनाया जाएगा यह विशेष दिवस
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
हाल ही में नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने को मंजूरी दी। यह दिन कई मायनो में बेहद खास है।
दरअसल, 15 नवंबर को स्वतंत्रता संग्राम के कई नायकों में से एक बिरसा मुंडा का जन्मदिवस है। इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जनजातीय समूह को एकजुट करने और अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। इन्हें लगातार आंदोलनों ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। पूरे देश में लोग बिरसा मुंडा को धरती बाबा के रूप में जानते हैं। विशेष रूप से, बिहार और झारखंड में लोग बिरसा मुंडा को भगवान की तरह पूजते हैं। अब उनकी जयंती को हर साल बतौर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
जनजातीय गौरव दिवस और इसका महत्व
आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। यह आने वाली पीढ़ियों को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों से अवगत कराएगा। इसके अलावा, जनजातीय गौरव दिवस को मनाने से देश आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक विरासत और गौरवशाली इतिहास को सदियों तक याद रखेगा।
ऐसे मनाया जाएगा यह दिन
इस दिन को मनाने के लिए, भारत सरकार एक साप्ताहिक सेलिब्रेशन की शुरूआत करेगी, जिसमें आदिवासी लोगों के 75 साल के गौरवशाली इतिहास को याद किया जाएगा। यह 15 नवंबर से शुरू होकर 22 नवंबर 2021 को खत्म होगा। इस खास दिन पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही इस दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों की उपलब्धियों को प्रदर्शित की जाएगी। साथ ही सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और बुनियादी ढांचे से जुड़ी कई पहल की जाएंगी।
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