रूस के 17,200 सैनिक मारे गए–यूक्रेन.

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रूस ने यूक्रेन पर फिर दागी मिसाइल.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज 34 दिन हो गए हैं। दोनों देशों के बीच अभी तक सुलह नहीं हो पाई है। इसी बीच यूक्रेन और रूस मंगलवार को तुर्की के शहर इस्तांबुल में शांति वार्ता के अगले दौर की बातचीत होगी। बताया जा रहा है कि स्थानीय समयानुसार सुबह 10.30 बजे दोनों देशों के बीच वार्ता होगी। साथ ही यूक्रेनी और रूसी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से भी मिलेंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने यूक्रेन में मानवीय संघर्ष विराम की संभावनाओं का पता लगाने के लिए पहल की है। इसका उद्देश्य यूक्रेन में अत्यावश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करना और एक महीने से जारी युद्ध को खत्म करने के लिए राजनीतिक वार्ता का मार्ग प्रशस्त करना है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रोसी परमाणु केंद्रों की सुरक्षा के मुद्दे पर अधिकारियों से बातचीत के लिए यूक्रेन पहुंचे हैं।

गुटेरस ने सोमवार को कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक मानवीय अभियानों के प्रमुख अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स से रूस व यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम की संभावनाओं का पता लगाने को कहा है। हालांकि, ग्रिफिथ्स पहले ही कुछ कदम उठा चुके हैं। यूएन प्रमुख ने पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि संयुक्त राष्ट्र के लिए यह पहल का वक्त है।’ 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा दो और 24 मार्च को तत्काल युद्ध खत्म करने की अपील कर चुकी है।

यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के लिए भारत के संपर्क में है संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध को समाप्त कराने के लिए वह भारत, चीन, तुर्की, इजरायल सहित कई देशों के संपर्क में हैं। ये वह देश हैं जिनके रूस और यूक्रेन के साथ अच्छे रिश्ते हैं। वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर दोनों देशों के मतभेद दूर कराने में सहयोग दे सकते हैं। गुटेरस ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र को अपने प्रयासों में सफलता भी मिल रही है, रूस और यूक्रेन बातचीत के लिए तैयार हुए हैं। उनके बीच की कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है। जल्द ही बातचीत के सुखद परिणाम सामने आ सकते हैं।

उधर, आइएईए ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि ग्रोसी के यूक्रेन दौरे का उद्देश्य वहां के परमाणु केंद्रों की सुरक्षा के लिए मदद सुनिश्चित करना है। इसमें आइएईए के विशेषज्ञों को यूक्रेन भेजने के साथ-साथ सुरक्षा के लिए जरूरी सामग्री की आपूर्ति व केंद्रों की निगरानी की व्यवस्था शामिल है। यूक्रेन के चार सक्रिय परमाणु ऊर्जा केंद्रों में 15 परमाणु रिएक्टर हैं।

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