सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के 258 विद्यार्थियों व स्टाफ ने खिलाई फाइलेरिया रोधी दवाएं 

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अभियान के दौरान प्रत्येक वर्ष 5 साल तक इस दवा का सेवन कर लिया जाए तो फाइलेरिया होने का खतरा बहुत कम: एमओआईसी

जियाये नेटवर्क सदस्य सुरेंद्र सिंह ने छात्र-छात्राओं को दी फाइलेरिया की जानकारी:

श्रीनारद मीडिया, सिवान,  (बिहार):

सीवान जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड में छूटे हुए लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। इस क्रम में बुधवार को सदर प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में शिविर लगाकर छात्र-छात्राओं व अन्य कर्मियों को दवाओं का सेवन कराया गया। इस दौरान फाइलेरिया मरीजों के नेटवर्क जियाये के सदस्य सुरेंद्र सिंह ने छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों से होने वाली एक ऐसी बीमारी है जो किसी को दिव्यांग बना सकता है। समय पर इलाज या अनदेखी के कारण यह बीमारी मरीज के प्रभावित अंगों को पूरा बर्बाद कर देती है। इससे प्रभावित अंगों में केवल हाइड्रोसील के अलावा किसी भी अंग का ऑपरेशन नहीं हो सकता। साथ ही इस बीमारी से संक्रमित मरीज घर के अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।

इसलिए फाइलेरिया से बचाव के लिए सरकार द्वारा साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाता है। जिसके बाद 230 छात्र- छात्राओं व 28 कर्मियों ने एक- एक कर दवाओं का सेवन किया। इस दौरान शिक्षक विकास सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के इस प्रयास की सराहना की। इस दौरान शिविर में डीएम टीम के साथ- साथ सीएफएआर के जिला समन्वयक जमाल अख्तर एवं पीसीआई के एसएमसी धर्मेंद्र कुमार पर्वत रहे।

 

अभियान के दौरान प्रत्येक वर्ष 5 साल तक इस दवा का सेवन कर लिया जाए तो फाइलेरिया होने का खतरा बहुत कम: एमओआईसी

सदर पीएचसी के एमओआईसी डॉ मोहम्मद निसार ने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी को हो जाए तो यह ठीक नहीं हो सकता है। क्योंकि फाइलेरिया को हाथीपांव बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी से पीड़ित लोग दिव्यांगता के भी शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हाथीपांव का जड़ से उन्मूलन कर लोगों को इस खतरनाक बीमारी से बचाया जाए।

उन्होंने यह भी बताया कि फाइलेरिया के रोकथाम के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत खिलाई जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं काफी कारगर है। एमडीए अभियान के मॉप अप राउंड के दौरान एल्बेंडाजोल एवं डीईसी की गोली खिलाई जा रही है जो फाइलेरिया के परजीवियों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाता है। अभियान के दौरान प्रत्येक वर्ष 5 साल तक इस दवा का सेवन कर लिया जाए तो फाइलेरिया होने का खतरा काफी हद तक समाप्त हो जाता है। इसलिए अभियान के दौरान दवा का सेवन जरूर करना चाहिए।

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