26/11:इजरायल ‘कभी न भूलेगा, न करेगा माफ’
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने 26/11 मुबंई आतंकी हमले के सभी पीड़ितो को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने मुंबई में हुए भयानक आतंकी हमले को याद किया और इजरायल और भारत को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने को कहा। बता दें कि 26 नवंबर 2022 को देश इस आंतकी हमले की 14वीं बरसी मना रहा है। आंतकियों ने मुंबई के ताज होटल को निशाना बनाकर कई हमले किए थे।
भारत में इजरायल के राजदूत नोर गिलोन ने एक वीडियो में कहा कि इजरायल 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है और इसे इजरायल कभी नहीं भूलेगा और न ही कभी माफ करेगा”। बता दें कि भारत ने पिछले महीने काउंटर-टेररिज्म कमेटी (CTC)की भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी बैठक की मेजबानी की थी।
भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने मुंबई आतंकी हमले को याद करते हुए कहा कि “हम मुंबई में हुए भयानक आतंकी हमले के 14 साल पूरे होने की बरसी मना रहे हैं। इजराइल भारत के साथ है, दोनों देश आतंक के शिकार हैं। हमें एक साथ एकजुट होना है। हम आतंक का मुकाबला करने और इसके वित्तपोषण पर भारत द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों की सराहना करते हैं”।
नाओर गिलोन ने किया चबाड (नरीमन) स्मारक का दौरा
नाओर गिलोन के एक अन्य पोस्ट में वे मुंबई आतंकी हमले के सभी पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मुंबई के चबाड (नरीमन) हाउस का भी दौरा किया। बता दें कि चबाड हाउस दुनियाभर में ऐसे घरों को कहा जाता है, जिसे इजरायल के यहूदियों द्वारा चलाया जाता है। ये यहूदियों के रहने के काम आता है। मुंबई में हुई आतंकी हमले में आतंकवादियों ने बड़ी बेरहमी के साथ यहां रहने वालों को अपना निशाना बनाया था।
नाओर गिलोन ने दी पीड़ितो को श्रद्धांजलि
नाओर गिलोन ने मुंबई के चबाड (नरीमन) हाउस का दौरा किया और मुबंई आतंकी हमले के सभी पीड़ितो को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इसकी एक तस्वीर पोस्ट कर लिखा, “आज, मैं 26/11 के भयानक मुंबई आतंकी हमले के सभी पीड़ितों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देने में भारत के लोगों के साथ शामिल हूं”। चबाड हाउस का दौरा करना और त्रासदी के बारे में सब कुछ सुनना एक भावनात्मक क्षण था। इजरायल और भारत, इस दुख में एकजुट रहे और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में भी साथ रहे”।
आज से 14 साल पहले मुंबई में जो कुछ हुआ, उसे भूला नहीं जा सकता। यह एक ऐसा आतंकी हमला था, जिसने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के अंतर्मन को हिला देने के साथ पूरे देश और दुनिया को दहला दिया था। इस आतंकी हमले में शामिल एक आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी जा चुकी है, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता अभी भी सीमा पार सुरक्षित हैं। प्रश्न है कि आतंक के ये आका आखिर कब तक खैर मनाएंगे?
नया भारत इतना सक्षम है कि इन आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे सके। इसकी एक बानगी उस वक्त भी देखने को मिली थी, जब भारत ने उड़ी और पुलवामा हमलों का जवाब पाकिस्तान में मौजूद आतंकी शिविरों पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके दिया था। इस सबके बावजूद आज का ज्वलंत सवाल यह है कि मुंबई हमले के गुनहगार आखिर कब सजा पाएंगे? कड़वी यादें कष्ट देती हैं, लेकिन चोट चूंकि भारत के आत्मा को लगी थी, इसलिए इस हमले की साजिश रचने वालों को न भूला जाना चाहिए, न माफ किया जाना चाहिए।
साल 2008 में 26 नवंबर की रात वह तारीख थी जब लश्कर-ए-तोइबा के आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। मुंबई के दो फाइव स्टार होटलों, अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और यहूदी केंद्र को निशाना बनाया गया था। आतंकियों ने लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ओबेराय होटल, ताजमहल होटल, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया था। इन हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें कई विदेशी नागरिक भी थे। भारत के जांबाज रक्षकों ने मुंबई हमले में शामिल दस आतंकियों में नौ को मार गिराया था।
अजमल आमिर कसाब नाम का एक आतंकी जिंदा पकड़ा गया था। उसके खिलाफ ट्रायल चला और उसे फांसी दी गई। इस हमले के मुख्य साजिशकर्ता साजिद मीर, हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी आज भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं। साजिद मीर और हाफिज सईद भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से हैं। इस बात के पुख्ता सुबूत सामने आ चुके हैं कि ये मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हैं।
इसके बाद भी बीते सितंबर में चीन ने साजिद मीर को ब्लैक लिस्ट करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर वीटो की ताकत से रोक लगा दी थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के अंतर्गत साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित कर उसे प्रतिबंधित करने की कवायद चीन की वजह से आगे नहीं बढ़ पाई। अमेरिकी एजेंसी एफबीआई पहले ही साजिद मीर को मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित कर चुकी है और उस पर 50 लाख डालर का इनाम रखा है। अमेरिका ने हाफिज सईद पर भी 10 लाख डालर का इनाम रखा है।
पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति को देखते हुए भारत को निरंतर पाकिस्तान को चारों तरफ से घेरने की आवश्यकता है। हाल में पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से हटाया गया है, जो कि भारत के लिए चिंता का विषय है।
भारत को बहुआयामी रणनीति का सहारा लेते हुए राजनीतिक एवं आर्थिक बहुपक्षीय संगठनों एवं समर्थक देशों के माध्यम से पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाने की आवश्यकता है। चूंकि सब मानते हैं कि आतंकवाद सरहद नहीं मानता, इसलिए आतंकवाद से प्रभावित एवं आतंकवाद विरोधी देशों को मजबूती के साथ एकजुट होना होगा। इसके लिए भारत को निरंतर रणनीतिक एवं कूटनीतिक प्रयास करने होंगे।
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