क्या लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा है बिहार?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में कोरोना संक्रमण ने अपना पांव अब 30 जिलों में फैला लिया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार रविवार को सूबे में 352 नये संक्रमित पाए गये. 31 दिसंबर की तुलना में संक्रमण 123 प्रतिशत अधिक हो चुका है. वहीं एक्टिव मरीजों की संख्या एक हजार के पार हो चुकी है. जिसके बाद अब मंगलवार को सरकार के अधिकारी विशेष बैठक करने जा रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने लॉकडाउन को लेकर भी पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया है.
सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों से बात की. लॉकडाउन से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसपर मंगलवार को निर्णय लिया जाएगा. बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर सभी जिलों की जानकारी जमा की जाएगी. सभी जिलों के हालातों की समीक्षा करने कहा गया है. इसकी रिपोर्ट आज ही मांगी गयी है. ताकि कल इसे लेकर कुछ मजबूत फैसला किया जा सके. सीएम ने साफ किया है कि जिलों के हालात को देखने के बाद ही इसपर कुछ फैसला होगा. मंगलवार को इसे लेकर अहम बैठक होगी.
कुछ दिनों पहले बिहार में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा था कि जिस तरह कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं इसके बाद अब तीसरी लहर की संभावना कहने का कोइ मतलब नहीं रह गया है. लोगों से अपील भी की गई है कि वो भीड़-भाड़ से बचें और मास्क का उपयोग करें.
बता दें कि कोरोना के मामले बिहार में तेजी से बढ़ने लगे तो सीएम नीतीश ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी. उन्होंने निर्देश दिया था कि संक्रमण की वृद्धि के ट्रेंड पर लगातार नजर बनाए रखें. सीएम ने राज्य के मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों के साथ-साथ जिला अस्पतालों और अनुमंडल अस्पतालों में भी पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया.
गौरतलब है कि बिहार में अभी अनलॉक-11 लागू है. जिसमें अनलॉक 10 की पाबंदियों को जारी रखा गया है. 5 जनवरी तक के लिए सरकार की गाइडलाइन इस अनलॉक के तहत प्रभावी रहेंगी. सीएम ने इस बात का जिक्र भी सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान की. वहीं पटना में कोरोना के मामले अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं जिसके बाद जिला प्रशासन भी अपनी सख्ती अब बढ़ा सकती है.
बिहार में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. पटना हाइकोर्ट के तीन जज और उनके परिवार के सदस्य समेत हाइकोर्ट के कई कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. इस बात की जानकारी मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने कोरोना से बचाव को लेकर दायर किये गये लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही. उन्होंने महाधिवक्ता समेत कोर्ट में उपस्थित अधिवक्ताओं से कहा कि सभी का जीवन बहुत बहुमूल्य है. हम जागरूक होकर ही अपना तथा अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा की सुप्रीम कोर्ट समेत कई राज्यों के हाइकोर्ट में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई शुरू कर दी गयी है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार से हाइकोर्ट में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुकदमों की सुनवाई वर्चुअल मोड़ में करने का निर्णय ले शाम तक ले लिया जायेगा. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संजीव कुमार शर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के लिये कोरोना वायरस से बचाव के लिये दायर की गई लोकहित याचिका की सूचीबद्ध करने का नोटिस निकाला गया था .
इस मामले पर आंशिक सुनवाई भी हुई . सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ललित किशोर कोर्ट में उपस्थित थे. कोर्ट को महाधिवक्ता ने कहा कि इस मामले को सुनवाई के लिए सात जनवरी को रखा गया है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले को आज इस लिये सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया क्योंकि देश के साथ साथ बिहार में भी कोरोना और ओमक्रिोन के मामले बढ़ रहे हैं. कोर्ट चाहता है कि सरकार पांच जनवरी को खंडपीठ के समक्ष यह जानकारी दे कि इस महामारी से बचायी के लिए सरकार ने क्या तैयारी की है. उसके पास क्या क्या इंफ्रास्ट्रक्चर है, इसकी जानकारी कोर्ट को पांच जनवरी को दी जाये.
मालूम हो कि इसके पूर्व में भी कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में मुहैया करायी गयी सुविधाओं के संबंध में ब्योरा देने को कहा था. खासकर कोर्ट ने साउथ अफ्रीका से फैले कोविड के नये वैरियंट ओमक्रिोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में सूचित करने को कहा था. एम्स के अधिवक्ता बिनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने इसके पूर्व भी राज्य सरकार से राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन व एंबुलेंस आदि के संबंध में ब्योरा देने को कहा था. इस मामले पर पर फिर पांच जनवरी को सुनवाई की जायेगी.