Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
ग्रामीण इलाकों में हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए बनेगा 30 बेड का कोविड केयर सेंटर - श्रीनारद मीडिया

ग्रामीण इलाकों में हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए बनेगा 30 बेड का कोविड केयर सेंटर

ग्रामीण इलाकों में हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए बनेगा 30 बेड का कोविड केयर सेंटर

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

• सभी स्वास्थ्य केंद्रों एआरटी जांच कीट होना जरूरी
• केंद्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
• संदिग्ध व संक्रमित व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में एक साथ नहीं रखा जायेगा
• गांवों में शुरू की जायेगी ओपीडी, संदिग्धों की कोविड जांच की व्यवस्था

श्रीनारद मीडिया,  पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार )#

छपरा जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग चिंतित व सजग है। इसको देखते केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नई दिशानिर्देश जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शहरी क्षेत्रों से सटे और ग्रामीण इलाकों में जहां घर पर आइसोलेशन संभव नहीं है, वहां दूसरी बीमारियों से ग्रसित बिना लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए कम से कम 30 बिस्तर वाले कोविड केयर सेंटर बनाने की सलाह दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उप स्वास्थ्य केंद्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों समेत सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड एंटीजन टेस्‍ट (आरएटी) किट्स उपलब्ध होनी चाहिए। स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच की जाने के बाद मरीज को तब तक आइसोलेट होने की सलाह दी जाए, जब तक उनकी टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ जाती।

सामुदायिक स्तर पर बुनियादी ढांचा को करें मजबूत:

स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि शहरी इलाकों में मामले बढ़ने के अलावा अब शहरी इलाकों से जुड़े क्षेत्रों, ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में भी मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। उसने ये दिशानिर्देश इसलिए जारी किए हैं ताकि ये समुदाय कोविड-19 से निपटने के लिए सभी स्तरों पर स्वास्थ्य देखभाल की बुनियादी ढांचा को मजबूत कर सकें।

संदिग्ध व संक्रमित व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में एक साथ नहीं रखा जायेगा:

ग्रामीण स्तर पर बनाये जाने वाले कोविड देखभाल केंद्र (सीसीसी) में किसी संदिग्ध या संक्रमित व्यक्ति को भर्ती कर सकते हैं। लेकिन, उनके लिए अलग जगह और साथ ही उनके प्रवेश तथा निकासी के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। एसओपी में कहा गया है, ‘संदिग्ध और संक्रमित व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में एक साथ नहीं रखा जाना चाहिए।’

गांव स्तर पर की जायेगी निगरानी:
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स में कहा गया है कि हर गांव में, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति की मदद से आशा द्वारा समय-समय पर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी/गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण के लिए सक्रिय निगरानी की जानी चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

गांवों में शुरू की जाए ओपीडी, संदिग्धों की कोविड जांच हो:

पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित संक्रमितों या ऑक्सीजन स्तर कम होने पर मरीजों को बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में भेजने का निर्देश दिया गया है। जुकाम-बुखार और सांस से संबंधित परेशानी के लिए हर उपकेंद्र पर ओपीडी चलाई जाए। दिन में इसका समय निश्चित हो। अगर किसी में कोरोना के संदिग्ध लक्षण हैं, तो उनकी स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाए या फिर उनके सैंपल नजदीकी कोविड जांच सेंटर में भेजे जाएं।

संक्रमित के संपर्क में आए लोगों को दें ये सलाह:
गाइडलाइन के मुताबिक, जिन लोगों में कोई लक्षण नहीं नजर आ रहा है, लेकिन वह किसी संक्रमित के करीब गए हैं और बिना मास्क या छह फीट से कम दूरी पर रहे हैं तो उन्हें क्वारंटीन होने की सलाह दें। साथ ही उनकी तत्काल कोविड जांच की जाए। हालांकि, यह संक्रमण के फैलाव और केसों की संख्या पर निर्भर करता है, लेकिन इसे आईसीएमआर की गाइडलाइंस के हिसाब से किया जाए।

ऐसे मरीजों को किया जाए आइसोलेट:

नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि करीब 80-85 फीसदी मरीज बिना लक्षणों वाले या बेहद कम लक्षणों वाले आ रहे हैं, ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत नहीं है। इन्हें घरों या कोविड केयर फैसिलिटी में आइसोलेट किया जाए। ये मरीज होम आइसोलेशन के दौरान केंद्र की मौजूदा गाइडलाइंस का पालन करें। इन मरीजों के परिवार के सदस्य भी गाइडलाइन के हिसाब से ही क्वारंटीन रहें। इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी कोरोना बचाव संबंधी नियमों का पालन करते हुए लगातार उनके हालचाल लेते रहें। अगर किसी मरीज में गंभीर लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाए।

यह भी पढ़े 

अफवाहों से जूझता 5 जी नेटवर्क, जानिए मोबाइल रेडिएशन कितना खतरनाक

वैक्सीन लेने वाले 60% लोगों में ही बन रही एंटी बॉडी,ये है बड़ी वजह

किशोरी के मुंह पर गमछा लपेट कर रहा था घिनौनी हरकत, छोटे-भाई बहन ने मचा दी शोर

मुुख्‍यमंत्री ने की ‘मन की बात’, बोले, लॉकडाउन में हमनें किसी को नहीं छोड़ा उपेक्षित

Leave a Reply

error: Content is protected !!