Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को नहीं दे सकते 4-4 लाख का मुआवजा-केंद्र सरकार. - श्रीनारद मीडिया
Breaking

कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को नहीं दे सकते 4-4 लाख का मुआवजा-केंद्र सरकार.

कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को नहीं दे सकते 4-4 लाख का मुआवजा-केंद्र सरकार.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्‍क

देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये सहायता राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार ने कहा कि वह कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्र ने कहा है कि कोविड-19 के पीड़ितों को 4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है क्योंकि आपदा प्रबंधन कानून में केवल भूकंप, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं पर ही मुआवजे का प्रावधान है। सरकार ने आगे कहा कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर मुआवजे की राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो यह पूरी तरह से गलत होगा।

हलफनामें में केंद्र मे कहा कि सभी कोरोना पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य से बाहर है। सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में केंद्र और राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामें में कहा कि कोरोना के प्रसार और प्रभाव के कारण प्राकृतिक आपदाओं के लिए मुआवजे को लागू करना उचित नहीं होगा। इसे कोरोना महामारी पर लागू नहीं किया जा सकता है। केंद्र और राज्य पहले ही टैक्स राजस्व में कमी और स्वास्थ्य खर्च में वृद्धि के कारण गंभीर वित्तीय दबाव में हैं। अनुग्रह राशि देने के लिए संसाधनों का उपयोग महामारी के खिलाफ कार्यवाही और स्वास्थ्य व्यय को प्रभावित कर सकता है। ये अच्छा करने की बजाए नुकसान का कारण बन सकता है। महामारी के कारण 3,85,000 से अधिक मौतें हुई हैं जिनके और भी बढ़ने की संभावना है।

केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में अब तक कोरोना संक्रमण से तीन लाख 85 हजार मौतें हुई हैं, और हर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देना संभव नहीं है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर केंद्र सरकार की तरफ से दाखिल हलफनामे में ये बातें कही गई हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि अभी तक देश में कोरोना से 3,85,000 मौतें हो चुकी हैं और यह संख्या बढ़ भी सकती है ऐसे में प्रत्येक परिवार को मुआवजे के रूप में 4-4 लाख रुपये देना संभव नहीं होगा।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कोरोना से मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा नहीं दे सकते। यह राज्यों की वित्तीय क्षमता से बाहर है। अगर ऐसा हुआ तो महामारी से निपटने के इंतेजाम करने के लिए पैसा नहीं बचेगा। सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले परिवारों को चार लाख रुपये मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है। अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी।

केंद्र ने हलफनामे में कहा कि कोरोना के प्रसार और प्रभाव के लिए प्राकृतिक आपदाओं के मुआवजे को लागू करना ठीक नहीं होगा। इसे कोरोना महामारी पर लागू करना ठीक नहीं होगा। केंद्र ने कहा कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर अनुग्रह राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो ऐसा करना गलत होगा। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारें पहले ही टैक्स राजस्व में कमी और स्वास्थ्य खर्चों के कारण वित्तीय दवाब में हैं। केंद्र ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान, केंद्र सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। सरकार और राज्यों ने कोरोना की रोकथाम, परीक्षण, उपचार, क्वारंटीन सेवा, अस्पताल में भर्ती, दवाएं और टीकाकरण आदि पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं और यह अभी भी जारी है।

सरकार ने कहा कि केंद्र और राज्यों की पहले ही आर्थिक स्थितियों पर दबाव है ऐसे में पीड़ित परिवारों को चार लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देना संभव नहीं है। इतना पैसा खर्च करने से कोरोना से लड़ने में सरकार की कोशिशें प्रभावित होंगी और मुआवजा देने से फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा।

ये भी पढ़े….

जान जोखिम में डालकर  भगवानपुर थाना में आ जा रहे है लोंग

जहरीले सांप के डंसने से तीस वर्षीय युवक की मौत से परिवार में मचा कोहराम

लोग कोरोना के कारण नही बल्कि वक्त पर ईलाज और व्यवस्था नही होने के कारण मारे गए भाकपा माले

मोदी 7वें योग दिवस कार्यक्रम को करेंगे संबोधित.

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!