सारण के 400 सौ नियोजित शिक्षकों की सांसे अटकी, कागजात अपलोड नहीं हुए तो नौकरी पर संकट.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सभी शिक्षकों को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर कागजात अपलोड करने का आदेश 20 जुलाई तक दिया गया था

निगरानी जांच के दायरे में आए नियोजित शिक्षकों को अपना कागजात वेब पोर्टल पर डालने के लिए 20 जुलाई अंतिम तिथि है। लेकिन करीब 400 शिक्षकों के नाम वेब पोर्टल पर से गायब है। ऐसे शिक्षकों के नाम सर्च किए जाने पर केवल नो फाउंड का मैसेज दे रहा है। ऐसे में इन शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। सोमवार को करीब 200 की संख्या में शिक्षक डीईओ कार्यालय पहुंचे और अपनी अपनी फरियाद सुनाई। कोई नाम नहीं होने की शिकायत कर रहा था तो कोई विभिन्न सूचनाओं में त्रुटि होने की बात कह रहा था। शिकायत करने वाले सभी शिक्षकों से डीईओ और डीपीओ आवेदन ले रहे थे ताकि उनकी बात मुख्यालय तक पहुंचाई जा सके और उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके। इधर शिक्षकों में इस बात को लेकर भय था कि कहीं त्रुटि में सुधार नहीं हुआ और जांच की प्रक्रिया में वे शामिल नहीं हुए तो उनकी नौकरी जानी तय है। शिक्षक बिल्कुल डरे हुए थे।

और सारण के विभिन्न शिक्षक संगठनों के नेताओं से राय मशविरा कर रहे थे। शिक्षक नेताओं ने शिक्षकों की समस्याओं को सुना और उनकी बातों को अधिकारियों के समक्ष रखा।

# प्राथमिक शिक्षक संघ ने की अधिकारियों से शिकायत

वेब पोर्टल पर नियोजित शिक्षकों के विभिन्न समस्याओं को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव दिनेश सिंह, सचिव सुरेंद्र सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय जाकर शिक्षकों के यूएन नंबर, इपीएफ नंबर, नाम सुधार इत्यादि का निराकरण कराने को लेकर अपील की। कुछ का ऑन द स्पॉट निराकरण भी करवाया। जिनका भी इपीएफ नंबर में गलती था। उनका भी सूची बनाकर संबंधित कर्मचारी को दिया गया। शिक्षकों का पोर्टल पर सर्टिफिकेट लोड नहीं हो रहा था। अंतिम तिथि 20 जुलाई को है जिसको लेकर शिक्षकों में काफी काफी मायूसी देखी गई,

क्योंकि अभी तक उनका कागजात अपलोड नहीं हुआ था। वेब पोर्टल डाउनलोड सर्टिफिकेट से संबंधित शिक्षकों के कुछ समस्याओं को प्राथमिक शिक्षक संघ के माध्यम से निपटारा करा दिया गया। संघ के प्रधान सचिव दिनेश सिंह, सचिव सुरेंद्र सिंह, शिक्षक नेता राजेश मास्टर ने शिक्षकों को आश्वस्त किया की किसी भी समस्याओं से डरे नहीं। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं हो सकता है। यदि आपकी कोई भी समस्या हो तो प्राथमिक शिक्षक संघ के सचिव, अध्यक्ष से संपर्क करें । प्रधान सचिव दिनेश सिंह, सचिव सुरेंद्र सिंह, राजेश मास्टर, धनंजय सिंह, अनुज कुमार, जलालुद्दीन अंसारी, मुन्ना सिंह, रंजन सिंह, अरविंद सिंह, गुंजन, हरेंद्र सिंह आदि ने भी डीइओ के सामने अपनी बातें रखी।

# परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष मामले को गम्भीरता से लिया

परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा की शिक्षकों की समस्याओं को हल्के में नहीं लिया जा रहा है, समस्याओं को जल्द से जल्द निपटाया जाएगा। एक भी शिक्षक की नौकरी नहीं जाने दी जाएगी। इसके लिए सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़ी जाएगी। समरेंद्र बहादुर ने कहा कि पटना में शिक्षकों के लिए लाठी खाई है जेल गया हू तो फिर आगे की भी लड़ाई शिक्षकों के ही हित में होगी।

# यह कारण है शिक्षकों में डर का यह कारण है

दरअसल 2003 से 2015 तक हुई शिक्षकों की नियुक्ति में काफी गड़बड़ी हुई थी। गड़बड़ियों की जांच हाईकोर्ट ने विजिलेंस के माध्यम से कराने का आदेश दिया। विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही है। विजिलेंस ने हीं अपने रिपोर्ट में जिला मुख्यालय को और राज्य मुख्यालय को बताया की शत-प्रतिशत नियोजित शिक्षकों द्वारा कागजात को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जिससे जांच में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।

इसके बाद सरकार ने एक ऐसा फंडा इजाद किया, जिसमें फर्जीवाड़ा करने वाले अब नहीं बच पाएंगे। सभी नियोजित शिक्षकों को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर का कागजात अपलोड करने का आदेश दे दिया गया है। 20 जुलाई तक अंतिम तिथि तिथि है। इस अवधि में यदि कागजात अपलोड नहीं करते हैं तो उन पर विभागीय कार्रवाई यहां तक की नौकरी भी जा सकती है।

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