पुत्र की कामना के लिये पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम और उपाय।
श्री नारद मीडिया, उत्तम कुमार, दारौंदा, सिवान, (बिहार )।
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सिवान जिला के सभी प्रखंडो सहित दारौंदा प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में 10 जनवरी शुक्रवार को पौष पुत्रदा एकादशी व्रत मनायी जायेगी।
पुत्र की कामना से पुत्रदा एकादशी व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार,10 जनवरी शुक्रवार को पौष पुत्रदा एकादशी के रूप में मनाई जायेगी।
संतान सुख की इच्छा रखने वालों के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन व्रत और पूजा के लिये हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।
पंचांग के अनुसार एक वर्ष में में कुल 24 एकादशियां होती हैं। हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है।संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं यह व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ करती हैं।
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा करने पर संतान की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। साथ ही इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल पुत्रदा एकादशी तिथि 9 जनवरी को 11:30 बजे दिन से शुरू होगी और 10 जनवरी को दिन में 09:22 बजे समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदयातिथि का विशेष महत्व होता है, इसलिए यह व्रत 10 जनवरी 2025 को किया जाएगा।
पुत्र कामना हेतु उपाय:-
तुलसी की माला से मंत्र जप करें
“ॐ देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।’’
मंत्र का जप करें।
संतान सुख की कामना पूरी होगी तथा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें जिससे अरिष्ट ग्रहों का नाश होता है और संतान सुख प्राप्ति के योग बनते हैं।
भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल अत्यंत प्रिय होते हैं। इस दिन उन्हें पीले फूल अर्पित करने से संतान सुख और पारिवारिक आनंद का आशीर्वाद मिलता है।
एकादशी के दिन दान-पुण्य करें:-
एकादशी व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को इस दिन दान-पुण्य अवश्य करना चाहिए। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और द्रव्य का दान करने से संतान प्राप्ति के योग बनते है।
पौष शुक्ल पुत्रदा एकादशी का महत्व:-
मान्यता है कि पौष शुक्ल पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु की श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन गौ को खिलाना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। पौष पुत्रदा एकादशी व्रत सुख-शांति और संतान की कामना के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।