मानव तस्करी के शक में रेलवे स्टेशन पर कर्मभूमि एक्सप्रेस से उतारे गए 80 बच्चे.
यौनशोषण के आरोपी बाबा सच्चिदानंद को यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में मानव तस्करी के संदेह में रेलवे स्टेशन पर गुरुवार सुबह राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) द्वारा कर्मभूमि एक्सप्रेस से 80 बच्चों को बचाया गया. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जीआरपी एसपी अपर्णा गुप्ता (GRP SP Aparna Gupta) ने बताया कि इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, बच्चों को साथ लेकर चलने वाले लोगों से पूछताछ चल रही है. हालांकि, इस मामले में अभी तस्वीर कुछ साफ नहीं हो पाई है. जीआरपी की टीम जानकारी जुटा रही है. बताया जा रहा है कि न्यू जलपाईगुड़ी से अमृतसर जा रही ट्रेन में इन बच्चों को एक साथ ले जाया जा रहा था. इनमें से कुछ को दिल्ली और कुछ को लुधियाना उतरना था. मानव तस्करी की आशंका की सूचना की पुष्टि के लिए जीआरपी ने बच्चों को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच में जुटी है.
बताया जा रहा है कि सभी बच्चों के माता-पिता से बातचीत के बाद ही इस मामले में स्थिति कुछ स्पष्ट हो पाएगा. दरअसल किसी ने रेलवे को ट्रेन में काफी संख्या में बच्चों को ले जाने की सूचना दी थी. जानकारी के बाद से ही रेलवे में अफरातफरी मच गई. जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची, जीआरपी तत्काल बोगियों की तलाशी लेने लगी. मानव तस्करी होने का संदेह होने पर इन बच्चों पर रेलवे स्टेशन पर ही उतार लिया गया. उम्मीद है कि जल्द ही पूरी सच्चाई सबके सामने आ जाएगी.
संत कुटीर आश्रम में युवतियों के यौन शोषण के मामले में नामजद कथित बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को यूपी एसटीएफ ने बुधवार को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ के एसपी हेमराज मीणा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उसे बस्ती पुलिस टीम को सौंप दिया गया है. दयानंद साढ़े तीन वर्ष से फरार चल रहा था. उसके दो साथी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं.
एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 20 दिसंबर 2017 को सच्चिदानंद और अन्य पर बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने व अन्य संगीन धाराओं में कोतवाली में केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दीं मगर वह नहीं मिला. आश्रम की कुर्की तक हुई और 50 हजार का इनाम घोषित किया गया लेकिन बाबा हाथ नहीं लगा. अलबत्ता उसका एक शिष्य परमचेतानंद और सेविका उर्मिला बाई को पांच अगस्त 2018 में बभनान रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किय गया था.
दिसंबर 2017 में यौन शोषण का मामला तब प्रकाश में आया था, जब आश्रम से कुछ युवतियों को धक्के मारकर निकाल दिया गया. ये डरी-सहमी रात में एसपी दफ्तर पहुंचीं. तत्कालीन कोतवाल विजयेंद्र सिंह महिला पुलिस के साथ पहुंचे और पीड़ितों को बयान के लिए कोतवाली ले गए. तत्कालीन एसपी संकल्प शर्मा के निर्देश पर देर रात कथित बाबा के अलावा उसके तीन शिष्यों परमचेतानंद, विश्वासानंद, ज्ञान वैराग्यानंद तथा दो मुख्य सेविकाओं पर 2008 से लगातार यौन शोषण व सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया.
आरोपः सत्संग-प्रवचन के बहाने यौनशोषण
पीड़ित महिलाओं का आरोप था कि सत्संग व प्रवचन के नाम पर महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों को आश्रम में बुलाया जाता था. उनमें से कुछ लड़कियों को साध्वी का दर्जा देकर आश्रम में रख लिया जाता था. उन्हें अनुष्ठान के जरिए विशेष कृपा दिलाने का दिलासा देते थे. उनका विश्वास जीतने के बाद दिल्ली स्थित आश्रम के मुख्यालय अथवा यहां के कथित बाबा व चेलों के निर्देश पर अलग-अलग शहरों में प्रवचन- सत्संग के बहाने भेजकर उनका यौन शोषण किया जाता था.
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