शहीद जयमंगल महतो की 81 वां शहादत दिवस मनाया गया

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अंग्रेजी सिपाहियों को जयमंगल महतो ने धनुष बाण से हमला कर रोकने का किया प्रयास तो  अंग्रेजी पुलिस मार दिया था गोली

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा अमनौर, सारण (बिहार):

सारण जिले के अमनौर प्रखंड मुख्‍यालय स्थित वैष्णव माता गुफा मंदिर के परिसर में शहीद जयमंगल महतो के 81 वा शहादत दिवस मनाया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य अम्बिका राय ने किया।

आये अतिथियो ने शहीद जय मंगल महतो के तैल चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया।सभी भारत माता की जय,बीर सपूत जय मंगल महतो अमर रहे का नारा लगाया।कार्यक्रम में मुख्यतिथि के रूप में बीडीओ मंजूल मनोहर मधुप उपस्थित हुए।उन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि बीरो की शहादत से ही देश को आजादी मिली।शहीद जयमंगल महतो को भुलाया नही जा सकता।

इस मौके पर पूर्व मुखिया बिजय कुमार बिद्यार्थी,राजद प्रखण्ड अध्यक्ष विकाश कुमार महतो,सरपँच रणधीर कुमार , देवेंद्र शर्मा,नवीन पूरी,पिन्टू तिवारी,बीडीसी प्रतिनिधि,राज कुमार कुशवाहा,दीपक राज,लोहा सिंह,अभिषेक कुमार सिंह,नीरज कुमार,पिन्टू कुमार,बीडीसी मुन्ना चौहान,शिक्षक शशिकांत समेत सैकड़ो लोग मौजूद थे।

मारे गए सात गोरे सिपाहियों की खोज में निकले अंग्रेजो को जयमंगल महतो ने ,,,,,धनुष बाण से हमला कर किया था रोकने  की कोशिश,अंग्रेजो की गोली से हुए शहीद,,,,

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गोरे सिपाहियों के मारे जाने पर अंग्रेज अपने सैनिकों की खोज में अमनौर के महि नदी पुल पार करने की कोशिश कर रहे थे,की जयमंगल महतो ने गोली खाकर अंग्रेजो को रोका और देश के लिए कुर्बान हो गए।,,,,,,

अंग्रेज सिपाही साथी में मौत से आक्रमक  अपनी सैनिको समूह को उतारा। अमनौर के पूरा गांव को घेरने की कोशिश कर रहे थे की हमारे पूर्वजों ने मही नदी के पुल को तोड़ डाला,इसके पश्चात भी 20 अगस्त को अंग्रेज नदी के पार आना चाह रहे थे,जैसे ही यह खबर जय मंगल महतो के कानों में पड़ी, अकेले ही तीर और कमान लेकर अंग्रेजो से लोहा लेने निकल पड़े,कई अंग्रेज इनके तीर से घायल हो गए,अंत में अंग्रेजो के गोली के शिकार होकर अपने को भारत भूमि की रक्षा के लिए शहीद हो गए,।

दुर्भाग्य है जय मंगल महतो की शहादत को कोई नही जानता था,

जब जय मंगल महतो के सहादत में लोगो ने पढ़ा,तब जाकर इनके शहादत के सम्बन्ध में लोग जाना और जागरूक हुए।

 

 

मालूम हो कि मढ़ौरा में शहीद स्मारक का उद्घटान करने आये तत्कालीन मंत्री दरोगा प्रसाद ने कहा था कि राम जीवन सिंह व अमनौर के  जय मंगल महतो की शहादत से उपजे जनाक्रोश की गूंज लन्दन की संसद तक गुंजी थी।प्रधानमंत्री चर्चिल ने कहा था कि मढ़ौरा में जिस सिपाहियों को मारकर उनकी लाशें तक खपा दी गई उस मढ़ौरा में मशीन गन लगाकर 19 किमी की रेडियन्स को मानव विहीन बना दिया जाय,लोगो द्वारा कहा जाता था कि मढ़ौरा मार्टन फैक्ट्री के छत पर मशीनगन लगी थी जो नाचते हुए गोलिया बरसाया करती थी।

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