लौटा 90 साल पुराना दर्द, तब इस जापानी पीएम को उतारा गया था मौत के घाट.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना से एक तरफ पूरा जापान शोक की लहर में डूब गया है। वहीं दूसरी तरफ जापान का 90 साल पुराना दर्द भी लौट आया, जिसमें नेवी के 11 अधिकारियों ने तत्काली प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोशी को मौत के घाट उतार दिया था। बताया जाता है कि यह हत्या तख्तापलट के इरादे से हुई थी, हालांकि इसमें कामयाबी नहीं मिली थी। इस घटना को इतिहास में 15 मई की घटना के नाम से भी जाना जाता है।
घर में घुसकर की थी हत्या
यह घटना हुई थी 1932 में। तब इनुकाई सुयोशी जापान के प्रधानमंत्री थे। सुयोशी ने लंदन नेवी के साथ एक समझौता किया था। इसके तहत तय हुआ था कि इंपीरियरल जापानी नेवी का आकार सीमित किया जाएगा। प्रधानमंत्री सुयोशी के इस फैसले से जापानी नेवी के युवा नौसेनिक आंदोलित हो उठे और तख्तापलट का इरादा कर लिया। 15 मई 1932 के दिन 11 नेवी अफसरों ने सुयोशी के घर में घुसकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। बाद में इन 11 हत्यारों का कोर्ट मार्शल कर दिया गया था।
चार्ली चैप्लिन को भी मारना चाहते थे
हमलावरों ने इसी दिन मशहूर अभिनेता चार्ली चैप्लिन की हत्या की भी योजना बनाई थी। बताया जाता है कि तब चैप्लिन प्रधानमंत्री सुयोशी के बुलावे पर जापान आए हुए थे। हमलावरों की योजना थी कि अगर वह चैप्लिन को मौत के घाट उतारने में कामयाब रहे तो अमेरिका से युद्ध छिड़ जाएगा। उनका मानना था कि इसके बाद जापान के लोग डर जाएंगे और सत्ता में बदलाव की मांग होने लगेगी। हालांकि हत्यारों को अपने मकसद में कामयाबी नहीं मिली और चैप्लिन सही-सलामत बच गए।
जापान के राजनीतिक नेताओं पर बंदूक हमलों की सूची में केवल एक अन्य प्रधानमंत्री शामिल हैं। 1994 में पूर्व प्रधानमंत्री होसोकावा मोरिहिरो को दक्षिणपंथी समूह के एक सदस्य ने टोक्यो के एक होटल में गोली मार दी। सौभाग्य से वह घायल नहीं हुए थे।
1992 में दक्षिणपंथी समूह के एक सदस्य ने टोचिगी प्रान्त में कार्यक्रम में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के तत्कालीन उपाध्यक्ष कनेमारू शिन पर गोलियां चला दीं। लेकिन उन्हें भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। मालूम हो कि टोचिगी प्रान्त टोक्यो से 108 किमी उत्तर में स्थित है।
शिन पर हमले से दो साल पहले यानी कि 1990 में नागासाकी के तत्कालीन मेयर मोटोशिमा हितोशी पर एक दक्षिणपंथी सदस्य ने हमला किया था, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
वहीं, 1995 में टोक्यो में जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के तत्कालीन आयुक्त को उनके आवास के पास गोली मारी गई। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
जापानी नेताओं के साथ होती है सशस्त्र सुरक्षा
जापान में सामान्य तौर पर सीनियर राजनीतिक नेताओं के साथ सशस्त्र सुरक्षा होती है, लेकिन कभी-कभी जब वो जनता के करीब जाते हैं तो सिक्योरिटी कुछ कम हो जाती है। वासेदा विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर ऐरो हिनो का कहना है कि जापान में शूटिंग की वारदात सामान्य बात नहीं है। हाल के कई सालों में ऐसा नहीं देखा गया है।
जापान में बंदूक नियंत्रण के सख्त कानून
दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में यह हमला हैरान करने वाला है। जापान में बंदूक नियंत्रण के सख्त कानून लागू हैं। बता दें कि पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान आबे पर शुक्रवार को गोली चलाई गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 67 वर्षीय आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन उस समय उनकी सांस नहीं चल रही थी और हृदय गति रुक गई थी। पुलिस ने घटनास्थल से संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है।
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