शास्त्रों के अनुसार जानें किस दिन पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए

शास्त्रों के अनुसार जानें किस दिन पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क :

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महिला-पुरुष समाज के दो स्तंभ हैं जिन पर पूरी दुनिया टिकी हुई है। विपरीत लिंग के होने के कारण दोनों के बीच आकर्षण होना भी स्वाभाविक है। पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। इस क्रम में दोनों का मिलन होना भी आम है। लेकिन हिन्दू धर्म में शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे खास दिन होते हैं जब पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर सामाजिक, धार्मिक और पारिवारिक परंपराओं के अनुसार पति-पत्नी का संगम होता है, तो यह एक पवित्र घटना मानी जाती है। सरल शब्दों में समझे तो, यदि पति-पत्नी दोनों शास्त्रों द्वारा बनाए गए विधि-विधान से मिलन करते हैं तो यह एक सामान्य घटना है।
अब सवाल यह आता है कि शास्त्रों के अनुसार किस दिन पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए। आइये इसका जावाब जानतें हैं।

महिलाओं और पुरुषों के बीच के संबंध को लेकर क्या है धार्मिक मान्यता

वे लोग जो धार्मिक मान्यताओं को समझते हैं और उनका पालन करते हैं, वे जानते हैं कि विवाह के बिना पुरुषों और स्त्री का संगम गलत माना जाता है।

हमारा समाज महिलाओं और पुरुषों के बीच के संबंध को तभी सही मानता है जब वे दोनों वैवाहिक बंधन में बंधते हैं।

विवाह एक धार्मिक समारोह माना जाता है, जिसमें पुरुष और स्त्री का मिलन एक जरुरी कर्म है। शादी के बाद, पुरुषों और महिलाओं के बीच रिश्ते को शुभ और मान्यताओं के अनुसार सही माना जाता है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि शादीशुदा जोड़े को कुछ विशेष दिनों में एक-दूसरे से दूर रहना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार इस दिन पति-पत्नी को एक-दूसरे से दूर रहना चाहिए

हिंदू धर्म में कुछ तिथियां हैं जिन पर पति और पत्नी को शारीरिक संबंध स्थापित नहीं करना चाहिए।

ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार, इस दिन पति-पत्नी के मिलन के कारण कई प्रकार के नुकसान का अंदेशा होता है। आइए हम आपको बताते हैं कि शास्त्रों के अनुसार किन दिनों में पति-पत्नी का शारीरिक संबंध बनाना मना है।

नवरात्र का पावन पर्व के दौरान पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए

नवरात्रि के नौ दिन हम सभी देवी मां की आराधना में लीन रहते हैं। कुछ लोग पूरे नौ दिन का उपवास भी रखते हैं और कुछ पहले और आखिरी दिन माँ का व्रत रखते हैं।

नवरात्रि के पवित्र दिनों में, हर कोई माँ की पूजा करता है। ऐसी स्थिति में, नवरात्रि के दौरान पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध बनाना मना है। इसलिए नवरात्र के पावन पर्व के दौरान पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए

शास्त्रों में उल्लेख है कि अमावस्या के दिन पति-पत्नी को एक-दूसरे से दूर रहना चाहिए, यानी शारीरिक संबंधों से बचना चाहिए। ऐसा करने के पीछे की मान्यता यह है कि यह उनके वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

इसके अलावा, पूर्णिमा की रात को, पति-पत्नी को एक दूसरे से अलग रहना चाहिए। इस दिन बुराई वाली शक्तियां ऊर्जावान होती हैं, इसलिए इसका आपके रिश्ते पर प्रभाव पड़ सकता है, इस कारण से, इस दिन भी पति-पत्नी को एक दूसरे के साथ संबंध बनाने से बचना चाहिए।

संक्राति को पति-पत्नी के मिलन को निषेध माना गया है

संक्रांति की तिथि पर भी पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाने चाहिए। माना जाता है कि इस दौरान भी संबंध स्थापित करना अशुभ होता है। इससे उनके रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए संक्रांति पर सावधानी बरतनी चाहिए और इस दिन पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए।

चतुर्थी-अष्टमी पर भी रहना चाहिए पति-पत्नी को दूर

पुराणों के अनुसार, महीने की चतुर्थी और अष्टमी पर भी पति-पत्नी को एक-दूसरे से दूरी बनाए रखनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, रविवार भी पति-पत्नी के मिलन का सही दिन नहीं है। इसलिए इस दिन एक दूसरे से दूर रहना चाहिए। यह समय पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंधों के लिए उपयुक्त नहीं है।

श्राद्ध या पितृ पक्ष पर साथी के निकट जाने से बचना चाहिए

श्राद्ध का समय पूर्वजों को याद करने और उनकी पूजा करने का माना जाता है। पंद्रह दिनों के लिए, लोग अपने पितरों की आत्माओं की शांति के लिए पूजा, यज्ञ और हवन कराते हैं, इसलिए मन, शरीर और अनुष्ठान से शुद्धि बहुत महत्वपूर्ण है।

इसलिए, श्राद्ध या पितृ पक्ष के दौरान, पति-पत्नी को संबंध बनाने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। इसके स्थान पर अच्छे विचारों को दिमाग में लाना चाहिए। श्राद्ध या पितृ पक्ष के दौरान पति-पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए।

व्रत में संभोग उचित नहीं

धार्मिक मान्यता यह है कि जो भी व्यक्ति किसी भी भगवान के लिए उपवास करता है, उसे उस दिन शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूरी तरह से स्वच्छ मन से पूजा करते हुए, विधि-विधान से व्रत करना चाहिए।

शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि व्रती यानि ब्रत रखें वाले को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। तभी व्रत का पूर्ण लाभ मिलता है। चाहे वह महिला हो या पुरुष जो उपवास रखता है, उस दिन अपने साथी के करीब जाना या संभोग करना सही नहीं है।

शनिवार का दिन है अशुभ

शनिवार का दिन शनि को समर्पित है। ज्योतिष में, हम इस ग्रह को क्रूर और पापी के रूप में देखते हैं। शनि के प्रभाव के कारण पैदा हुआ बच्चा बेहद निराशावादी और नकारात्मक हो सकता है।

शनि के प्रभाव के कारण कई बार इस तरह के प्रभाव से पैदा हुआ बच्चा बीमार रह सकता है। इसलिए, बच्चे के जन्म के विचार से इस दिन पति-पत्नी के बीच संबंध स्थापित करना अशुभ माना जाता है।

सप्ताह के यह दिन है पति-पत्नी के मिलन के लिय शुभ

जहां मंगलवार, शनिवार और रविवार शारीरिक संबंध यानी पति-पत्नी को एक दूसरे के करीब आने के लिए सही नहीं हैं। सप्ताह के शेष 4 दिन में मिलन करना और गर्भधारण करना शुभ माना जाता है। इसलिए, सप्ताह के इन दिनों में पति-पत्नी संबंध बना सकते हैं।

हिंदू एक धर्म नहीं है बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है, हिंदू परंपरा के अनुसार सफल जीवन और निर्बाध खुशी प्राप्त करने के लिए हिन्दू परंपरा के अनुसार कार्य करना बहुत महत्वपूर्ण है।

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