एईएस-चमकी पर स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण
– एईएस-चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर उठाए जाने वाले प्रभावी कदम को लेकर विचार-विमर्श
श्री नारद मीडिया प्रतीक कुमार सिंह,शिवहर/ मोतीहारी, बिहार
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने चमकी बुखार से लड़ने के लिए कमर कस ली है। सिविल सर्जन डॉ आरपी सिंह की अध्यक्षता में सदर अस्पताल में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें आशा, एएनएम, ग्रामीण चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ समेत ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण में जेई एवं एईएस को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर विगत वर्ष किए गए कार्यों को और अधिक गति देने के लिए प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया।
ग्रामीण चिकित्सकों की मदद ली जाएगी
सिविल सर्जन डॉ सिंह ने कहा कि गर्मी में बच्चों के लिए जानलेवा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से बचाव के लिए ग्रामीण चिकित्सकों की मदद ली जाएगी। उनको भी प्रशिक्षण मिलेगा। हर गांव में ग्रामीण चिकित्सक सक्रिय हैं । अधिकांश मरीज की पहली जानकारी उनको होती है। अगर वह लक्षण देखते रेफर कर दें तो बच्चों की मौत का ग्राफ कम होगा।
बच्चों को बचाने की रणनीति
एईएस से मौत की दर कम हो इसके लिए आशा, एएनएम, ग्रामीण चिकित्सकों को जागरूक व प्रशिक्षित किया जा रहा है। पीएचसी तक तय मानक के मुताबिक दवा व उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कामेश्वर कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ इस बार यूनिसेफ व अन्य संस्था की टीम बीमारी के बचाव में सहयोग कर रही है। बीमारी की रोकथाम के लिए संयुक्त अभियान की योजना बनी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न विभाग से समन्वय बनाया है। ये टीम अपने-अपने स्तर से जागरूकता अभियान चला रही है और आगे शोध में सहयोग करेगी।
जमीनी स्तर पर चलेगा जागरूकता अभियान
सिविल सर्जन डॉ आरपी सिंह ने कहा कि जमीनी स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, आशा कार्यकर्ता तथा विकास मित्र घर-घर घूम जागरूकता फैलाएंगे। जागरूकता के लिए लोगों को माइकिंग कराकर प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। ताकि एईएस और जेई के मरीज के संबंध में ससमय सूचना मिल सके और उसका समुचित इलाज हो सके।
तेज बुखार व चमकी आना प्रमुख लक्षण
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कामेश्वर कुमार सिंह ने बताया कि एईएस या चमकी बुखार को बीमारी का छाता कह सकते हैं। इसके लक्षण जैसी कई बीमारियां होती हैं। इसका कारण अभी तक पता नहीं। इसके मुख्य कारण गर्मी, नमी व कुपोषण सामने आए हैं। जब गर्मी 36 से 40 डिग्री व नमी 70 से 80 फीसद के बीच हो तो इसका कहर शुरू होता है। बीमारी का लक्षण तेज बुखार व चमकी आना है, इसलए इसे चमकी बुखार कहते हैं। इसमें बच्चा देखते-देखते बेहोश हो जाता है।