*महिला एसोसिएट प्रोफ़ेसर के मामले में BHU प्रशासन ने जारी किया स्टेटमेंट*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं संप्रेषण विभाग की एसोसिएट प्रोफ़ेसर शोभना नार्लीकर के मामले में बीएचयू प्रशासन ने स्टेटमेंट जारी किया है। जारी स्टेटमेंट के अनुसार बीएचयू स्थित कला संकाय के पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत डॉ. शोभना नार्लिकर द्वारा पूर्व में विश्वविद्यालय प्रशासन से किये गए आवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। इसके तहत डॉ. नार्लिकर के आवेदन पर विचार करते हुए नियमानुसार मेडिकल ग्राउंड पर 31.01.2013 से 06.02.2013 की लीव विदाउट पे को Commuted Leave एवं 07.02.2013 से 12.02.2013 की लीव विदाउट पे को Earned Leave में परिवर्तित किया गया है। यदि डॉ. नार्लिकर द्वारा भविष्य में कोई अन्य आवेदन किया जाता है तो उस पर नियमानुसार विचार किया जाएगा।बता दें कि सोमवार को डॉ. शोभना नार्लिकर बीएचयू के एक सेंट्रल आफिस में प्रशासन-शिक्षण (अवकाश) के अनुभाग अधिकारी पर जातिगत दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठी थीं। डॉ. शोभना ने आरोप लगाया कि वह अनुसूचित जाति की अभ्यर्थी हैं इसलिए उनके साथ जातिगत भेदभाव किया गया।
बताया कि उन्होंने प्रोफेसरशिप के लिए आवेदन दिया था, मगर साक्षात्कार रद कर दिया गया है। जानबूझकर उनकी हाजिरी के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिससे उनके प्रमोशन की प्रक्रिया रुक गई है। डॉक्टर शोभना नार्लीकर सोमवार को पहले केंद्रीय कार्यालय में और उसके बाद कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी थीं। बावजूद इसके उनकी दिक्कतों का समाधान विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नहीं किया गया। रात में वह घर चली गईं, लेकिन मंगलवार को पुनः वह केंद्रीय कार्यालय के सामने अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गईं। इसके बाद मंगलवार शाम विश्वविद्यालय की ओर से इस मामले पर आधिकारिक स्टेटमेंट जारी किया गया है।