*वाराणसी के पशुपालकों को राज्यपाल ने दी गीर प्रजाति की गाय, कहा- बच्चों की भांति करें व्यवहार*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बुधवार कोशाहंशाहपुर गौशाला पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में 14 पशुपालकों को गीर प्रजाति की गाय वितरित की। बता दें कि गुजरात की गीर प्रजाति भारत के एक प्रसिद्ध दुग्ध पशु नस्ल है। यह गुजरात राज्य के गिर वन क्षेत्र और महाराष्ट्र तथा राजस्थान के आसपास के जिलों में पायी जाती है। यह गाय अच्छी दुग्ध उत्पादताकता के लिए जानी जाती है। इस गाय के दूध में सोने के तत्व पाए जातें हैं जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।शहंशाहपुर गौशाला पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंशा व प्रेरणा से गुजरात-उत्तर प्रदेश को जोड़ा गया है, जहां भी अच्छा कार्य होता है उसे दूसरी जगह पहुंचाते हैं। गुजरात का बनास कांठा अति पिछड़ा था। मोदी जी की गुजरात में सरकार में आने पर कार्य हुआ। शिक्षा बड़ी, नर्मदा का पानी पीने व खेतों में पहुंचा। आज बनास सबसे अच्छा जिला बन गया है। वहां की बनास डेयरी में 84 लाख लीटर दूध रोजाना उत्पादन होता है। उनके मिल्क प्रोडक्ट दुनिया में बिकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि गीर गाय अपना सुख-दुख का भाव प्रकट करती हैं। बच्चों की भांति गाय से व्यवहार करें। गाय आंखों से बात करती है। घर के झगड़े का गाय पर प्रभाव होता है। घर की वातावरण का गाय के दूध पर असर होता है। अच्छा माहौल होगा तो ज्यादा दूध होगा। गीर गाय कृष्ण भगवान की गाय हैं, वे बंसी बजाते थे और बात करते थे। अब गीर गाय बनारस आ रही है। बनारस ऋषि, संतो व गंगा की भूमि है। अब यह गाय की भूमि बन रही है। गाय भूमि पवित्र करती है।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 150 गाय गुजरात से बनारस लाने की इच्छा जताई है। बनास डेयरी इस में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। सक्षम व्यक्ति अपनी संपत्ति से जरूरतमंदों का सहयोग करें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच पूरे विश्व को मार्गदर्शन करा रही है। महामहिम ने गाय प्राप्त करने वाले पशुपालकों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि आगे जब किसी व्यक्ति को कोई सहायता, उपहार मिलता है तो उसे पाते समय अपनी पत्नी को जरूर साथ रखें। इस अवसर पर बनास डेयरी के चेयरमैन ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में भारी संख्या में किसान, पशुपालक व महिलाएं उपस्थित रहीं।