*वाराणसी के शहंशाहपुर गांव में आगनबाड़ी केंद्र में राज्यपाल ने कराई गर्भवती महिलाओं की गोदभराई, मासूम का कराया अन्नप्राशन*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को आराजीलाइन विकास खंड के ग्राम सभा शहंशाहपुर के आंगनवाड़ी केंद्र व प्राइमरी स्कूल का अवलोकन किया।आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों ने राज्यपाल के सामने सामूहिक कविताएं सुनाएं, सामूहिक गीत एवं खेल प्रदर्शित किये, जिसे देखकर राज्यपाल ने कहा बहुत अच्छा है। उन्होंने ताली बजाकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया। थाली में एक साथ सेव, केला, फल देकर उन्हीं बच्चों से आपस में बटवायें। राज्यपाल ने कहा कि इससे टीम भावना व जिम्मेदारी का भाव बच्चों में विकसित होगा।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गर्भवती महिलाओं नीतू व नरगिस को माला पहनाकर गोद भराई कराई और उन्हें अच्छे से खानपान करने, अस्पताल में ही डिलीवरी कराने, लड़का-लड़की जो भी हो बराबर ध्यान रखने, स्वच्छता का विशेष ख्याल रखने आदि अच्छी बातों की सीख दी। मां की गोदी में 6 माह के नौनिहाल बिटिया रिया व लड़का अर्पित को राज्यपाल ने चम्मच से अन्नप्राशन कराया। उन्होंने प्राइमरी कक्षा में जाकर बच्चों से बात की। इस अवसर पर आंगनवाड़ी द्वारा विभिन्न विषयक यथा- पौष्टिक व्यंजन, प्री स्कूल कॉर्नर, होली कॉर्नर, किशोरी कॉर्नर, वजन कॉर्नर के सामानों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। स्कूली बच्चों के लिए विभिन्न प्रेरणादायी-विज्ञान, भाषा, गणित, पर्यावरण, मिशन प्रेरणा विषयों की प्रदर्शनी का भी राज्यपाल ने अवलोकन किया और प्रदर्शित मॉडल ऊपर पूछताछ की।डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के सौजन्य से आंगनवाड़ी 50 हजार रुपए की बच्चों की उपयोगी खिलौने, गेम, बर्तन, कुर्सी आदि को राज्यपाल के हाथों डोनेट किया गया।इस दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश में एक ऐसा वर्ग है जिस पर सबकुछ है तथा एक वर्ग ऐसा है जिस पर अभाव है। समाज के ऐसे दोनों वर्गों को जोड़ें, सेतु बनाएं। विश्वविद्यालय, कॉलेज बच्चों को अच्छा बनाते हैं। प्रशासन के सहयोग से आंगनवाड़ी केंद्रों जहां गरीब के बच्चे आते हैं उन्हें मजबूत करें। लखनऊ में 80 आंगनवाड़ी केंद्रों को विश्वविद्यालय, कालेजों द्वारा 55 हजार प्रति आंगनवाड़ी के हिसाब से बच्चों के उपयोगी सामान दिया गया। अब बनारस में कालेजों को इकट्ठा कर कार्य शुरू किया गया है। प्रदेश में 50,000 से अधिक बड़े कॉलेज हैं। एक कालेज 2-3 आंगनवाड़ी को गोद लेकर वहां सामान, किताब आदि का सहयोग करें। कॉलेज के बच्चे उस गांव में जाकर एक दिन स्वच्छता कार्य करें, ऐसी जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा कि गरीब समाज के प्रति संवेदनशीलता बढ़ानी है। सामाजिक दायित्व की जिम्मेदारी से करें। राज्यपाल ने कहा कि अब वह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोहों में वहां के 50 छोटे बच्चों को आमंत्रित कराती हैं। बच्चे समारोह देखते हैं। उनमें आगे पढ़ने की ललक बढ़ती है। उन्होंने दृष्टांत सुनाया कि एक दीक्षांत में आमंत्रित बच्चों ने उनके पास स्वेटर, चप्पल नहीं होना बताया तो आमंत्रितकर्ता व्यक्ति ने उसकी व्यवस्था की और वही पहन बच्चे समारोह में आए। इससे सक्षम व्यक्ति/वर्ग को भी दायित्व बोध बढ़ता है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से शहंशाहपुर में आंगनवाड़ी के लिए 50 हजार रुपये के सामान डोनेट करने पर विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया।इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रेड क्रॉस सोसायटी वाराणसी द्वारा उनके कोरोना कॉल में किए गए कार्यों के उल्लेख की बनाई गई पत्रिका का विमोचन किया। उन्होंने कालेज के प्रिंसिपल, प्रोफेसरों को रेड क्रॉस सोसाइटी का सदस्य बनाने पर बल दिया। बनारस रेड क्रॉस सोसाइटी ने कोरोना कॉल में अच्छा काम किया। इसके लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा व उनकी टीम को राज्यपाल ने धन्यवाद दिया।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उन्होंने गुजरात में 12 वर्ष कार्य किया और एक हेल्थ किट तैयार कराई। इस अवसर पर उन्होंने 2-3 हेल्थकिट आंगनवाड़ी को भेंट की। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक टीवी मुक्त भारत बनाने में अपना योगदान दें। बच्चों को गोद लेकर उन्हें खानपान, दवाई दिलवाये। बच्चों में रीडिंग हैबिट बनाने बढ़ाएं। बच्चों को पढ़ाएं, डांटे नहीं-पीटे नहीं। बच्चों की क्वालिटी देखकर उन्हें आगे बढ़ाएं। वाराणसी में अच्छे कार्यों के लिए राज्यपाल ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा व उनकी टीम को धन्यवाद दिया। जिलाधिकारी ने महामहिम सहित सभी गणमान्य लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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