रांची हत्याकांड का खुलासा: भतीजा ही निकला कातिल.
हमले की प्लानिंग कर रहे 5 उग्रवादी गिरफ्तार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राजधानी रांची की गोंदा थाना पुलिस ने कांके रोड की टिकली टोली में दंपति की गला रेत कर हत्या मामले का खुलासा कर लिया है। दंपति तेतरू पाहन और लखिया देवी की हत्या में भतीजा सुमित मुंडा का हाथ था। उसी ने खुखरी से वार कर चाचा और चाची की उनके कमरे में 25 फरवरी को रात में हत्या कर दी थी। इसके बाद वह मौके से भाग निकलने में वह कामयाब हो गया था। घटना के बाद छानबीन में जुटी पुलिस टीम ने दोहरे हत्याकांड के आरोपी सुमित मुंडा को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से हत्या में प्रयुक्त खुखरी और एक मोटरसाइिकल बरामद किया गया है। रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने मंगलवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भूमि विवाद में ही दंपति की हत्या अपने भतीजे के द्वारा कर दी गई थी। टिकली टोली में तेतरू और पत्नी लखिया का शव पुलिस ने उसकी बहन रत्नी देवी के आवासीय परिसर में एक कमरे से 26 फरवरी को दिन में बरामद किया था। घटनास्थल से एफएसएल की टीम ने कुछ साक्ष्य इकट्ठे किए थे। इसके अलावा रिश्ता-नाता के लोगों के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स निकाले गए थे और उनके अलग-अलग समय में लोकेशन की जानकारी जांच टीम ने इकट्ठा की थी। वैज्ञानिक विधि से मामले के अनुसंधान के क्रम में यह पता चला कि दंपति हत्याकांड में भतीजा सुमित ही कातिल था। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली।
जमीन और मोटरसाइिकल नहीं देने से था नाराज
भतीजा सुमित अपने चाचा तेतरू से कांके के जयपुर कोंगे में अपने हिस्से की पैतृक संपत्ति की जमीन उसे देने के बजाय किसी और को बेच देने एवं मोटरसाइकिल-मोबाइल फोन नहीं देने से नाराज था। इस मसले को लेकर उसकी पूर्व में चाचा के साथ कई बार बकझक हो चुकी थी। सुमित का कहना था कि चाचा की कोई संतान नहीं है। इसीलिए वह जमीन की बिक्री से मिले रुपए और बाइक उसे दे, लेकिन चाचा तेतरू इसके लिए तैयार नहीं था। इसी से खिझ खाए भतीजे ने पिछले गुरुवार को उनकी हत्या कर दी थी।
दोहरे हत्याकांड का खुलासा करने में सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार, गोंदा के थानेदार अवधेश ठाकुर, कांके प्रभारी विनय कुमार सिंह, एसआइ रंजीत कुमार, मनोज, अविनाश हेम्ब्रम, पुलिस केंद्र के एएसआई दीनबंधु दूबे की उल्लेखनीय भागीदारी रही।
झारखंड की चतरा पुलिस ने दो अमेरिकन निर्मित पिस्टल सहित भारी मात्रा में हथियार के साथ पांच उग्रवादियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार उग्रवादियों में बिहार शेरघाटी थाना क्षेत्र के लछनैती गांव के विनोद यादव, डोभी बिहार थाना क्षेत्र के घोंघवा गांव के पप्पू कुमार, कुंदा थाना क्षेत्र के सरजामातु गांव के विपिन गंझु, विजय गंझु, कुंदा थाना क्षेत्र के ढाढू गांव के प्रसाद गंझु शामिल हैं।
एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि हंटरगंज के कोशमाही गांव के सटे सागा पहाड़ी के तलहटी में हरवे-हथियार से लैस होकर टीएसपीसी और पीएलएफआई के सदस्य जुटे हैं। ये लोग विध्वंसक कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। गठित टीम द्वारा हंटरगंज सागा पहाड़ी क्षेत्र में छापामारी अभियान चलाया गया। इस दौरान सागा पहाड़ी क्षेत्र में जुटे उग्रवादी पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस बल ने पांच उग्रवादियों को धर दबोचा। उग्रवादियों के पास से पुलिस से लूटी गई एक राइफल, दो अमेरिकन मेड पिस्टल, 32 राउंड जिंदा कारतूस, तीन मोटरसाइकिल, 6 मोबाइल, 16 सिम कार्ड, 3000 नगद बरामद किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गिरफ्तार उग्रवादियों ने ही हंटरगंज मीरपुर के पुल निर्माण कार्य को लेवी के लिए रोका था। एसडीपीओ अविनाश कुमार ने बताया कि उक्त उग्रवादियों के द्वारा लगातार क्षेत्र के ठेकेदार और व्यवसायियों से अलग-अलग फोन नंबरों से लेवी की मांग की जा रही थी। एसडीपीओ अविनाश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि गिरफ्तार उग्रवादी कुख्यात हैं। इनके द्वारा क्षेत्र में दहशत फैलाकर लेवी वसूलने के लिए अपनी सक्रियता बढ़ाई जा रही थी। गिरफ्तार उग्रवादियों के विरुद्ध बिहार और झारखंड के कई थानों में अलग-अलग मामले दर्ज हैं।