दीदी के बाहुबली ‘भाई जान’, जिसके लिए SC पहुंचे पंजाब के कप्तान.

दीदी के बाहुबली ‘भाई जान’,जिसके लिए SC पहुंचे पंजाब के

कप्तान.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को लेकर कांग्रेस की पॉलिटिक्स क्या है? प्रियंका गांधी रोज लगभग एक ट्वीट यूपी में अपराध के मुद्दे पर करती हैं। लेकिन पिछले पांच महीने से मुख्तारवादी आतंक पर दुनिया की सबसे बड़ा अपराध विरोधी कार्रवाई चल रही है तो मुख्तार को यूपी में कानून की चौखट तक लाने में पंजाब की कांग्रेस सरकार और पंजाब पुलिस बाधा पैदा कर रही है। मुख्तार के अपराध के हाथों अपनों को खोने वाले प्रियंका गांधी को चिट्ठी लिखकर मुख्तार को बचाने वाले आरोपी पंजाब सरकार से सवाल भी पूछा। उत्तर प्रदेश में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण का दावा करने वाली कांग्रेस महसाचिव प्रियंका गांधी वाड्रा क्या दूसरों को ऊंगली दिखाती हैं और अपनों को छोड़ देती हैं। इन तमाम सवालों के पीछे की वजह है बाहुबली मुख्तार अंसारी जिसको लेकर दो राज्यों के बीच ठन गई है और मामला देश की सबसे बड़ी अदालत की दहलीज पर आ खड़ा हुआ।

सबसे पहले आपको बताते हैं कि मुख्तार अंसारी कौन है? 

पांच बार का विधायक और हिस्ट्रीशीटर मुख्तार अंसारी के खिलाफ मऊ, गाजीपुर और लखनऊ समेत कई थानों में जंघन्य अपराधों के कई मामले दर्ज हैं। वो जेल में सजा काट रहा है।  आप कहेंगे कि मामले उत्तर प्रदेश में तो फिर वो पंजाब में क्या कर रहे हैं। इस जावब के लिए थोड़ा पीछे लिए चलते हैं। 9 जुलाई 2019 को मुन्ना बजरंगी नाम के अपराधी की बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुन्ना बजरंगी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में आरोपी था। उस वक्त मुन्ना बजरंगी मुख्तार का खास शूटर माना जाता था। हालांकि बाद में दोनों के संबंध खराब हो गए थे। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद मुख्तार की जान को खतरा बताया गया और सुरक्षा की मांग की गई।

लखनऊ और गाजीपुर में ये बातें भी चलती हैं कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद ही मुख्तार को पंजाब जेल में शिफ्ट करने का प्लान बनाया गया। पंजाब में रियल स्टेट का काम करने वाले होम लैंड के सीईओ ने मोहाली पुलिस को शिकायत दी कि 9 जनवरी 2019 को उनसे दस करोड़ की रंगदारी मांगी गई और रंगदारी मांगने वाले ने अपना नाम यूपी का कोई अंसारी बताया। पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपी बनाया बांदा के पते पर रहने वाले अंसरी को। मुख्तार अंसारी उस वक्त बांदा की जेल में बंद था। केस दर्ज होने के 15 दिनों के भीतर पंजाब पुलिस प्रोजक्शन वारंट लेकर पहुंची और मुख्तार को ले आई। तब से मुख्तार रोपड़ जेल में बंद है।

योगी सरकार मुख्तार की कस्टडी मांगती है तो पंजाब सरकार ये कह कर मना कर देती है कि स्वास्थ्य कारणों से मुख्तार को यात्रा करने से मना किया गया है। बीजेपी का आरोप है कि पंजाब सरकार जानबूझकर मुख्तार को संरक्षण दे रही है और यूपी नहीं भेज रही है। 2 फरवरी को गाजीपुर से बीजेपी विधायक और कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा कि आपने और आप की पंजाब सरकार ने मेरे पति के हत्यारे मुख्तार और उसके बेटे को राज्य अतिथि के रुप में शरण दे रखी है। अल्का राय ने कहा कि मैं चाहती हूं ऐसे अपराधियों का मत मदद करिए, ऐसे अपराधी को पेशी पर आने दीजिए।

अल्का कई बार प्रियंका गांधी को चिट्ठी लिख चुकी हैं। 29 नवम्बर 2005 को करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र गोडउर गांव निवासी भाजपा विधायक कृष्णानंद राय क्षेत्र के सोनाड़ी गांव में क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने के बाद वापस अपने गांव लौट रहे थे। शाम करीब चार बजे बसनियां चट्टी पर उनके काफिले को घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। एके-47 से गोलियों की बौछार कर विधायक समेत सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। हमले के दौरान करीब 500 से अधिक गोलियों का प्रयोग किया गया था। इस मामले में विधायक मुख्तार अंसारी समेत और मुन्ना बजरंगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। बाद में दिल्ली की अदालत ने मुख्तार और अन्य छह को इन आरोपों से बरी कर दिया था।

योगी सरकार ने कहा कि मुख्तार अंसारी को 2019 में एक मामूली केस में पेशी के लिए यूपी की बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल लाया गया था। तब से वह वहीं है। यूपी पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी रोपड़ जेल सुपरिटेंडेंट उसे भेजने से मना करते रहे हैं। यूपी सरकार ने मुख्तार को उत्तर प्रदेश ले जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक और कोशिश की थी। हलफनामा डाला था। सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर अपली की गई और दलील दी गई कि न्याय के हित में अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल कर मुख्तार को वापस यूपी भेजे।

मोहाली में मुख्तार के खिलाफ दर्ज केस को भी मोहाली से प्रयागराज ट्रांसफर किया जाए। प्रयागराज में एमपी/एमएलए कोर्ट में अपराध के 10 मुकदमें दर्ज हैं। बांदा जेल सुपरिटेंडेंट ने बिना एमपी/एमएलए कोर्ट की अनुमति के पंजाब पुलिस को सौंपा। मुख्तार के खिलाफ कई बार पेशी वारंट जारी हुआ। लेकिन रोपड़ जेल अधिकारी उसे बीमार बताते रहे। मोहाली मामले में दो साल से चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है लेकिन फिर भी मुख्तार अंसारी वहां जमानत नहीं मांग रहा है। मिलीभगत साफ दिख रही है। मुख्तार अंसारी 15 साल बांदा की जेल में था जहां उसको सभी मेडिकल सुविधा प्रदान की गई थी। यूपी सरकार मुख्तार अंसरी की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर प्रतिबद्ध है।

मुख्तार पर प्रियंका मेहरबान

मुख्तार अंसारी को कांग्रेस शासित राज्य पंजाब सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश की कोर्ट में पेशी नहीं देने की अनुमति देने को लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई। ट्वीटर पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को भी निशाना बनाया गया। यहां तक की ट्विटर पर मुख्तार पर मेहरबान प्रियंका टॉप ट्रेंड में भी रहा था।

यूपी में योगी के खौफ का बुलडोजर चल रहा है

माफियाओं पर योगी सरकार का स्ट्राइक लगातार जारी है। मुख्तार से लेकर अतीक तक सब टागरेट पर हैं। योगी ने कैसे यूपी के भू-माफियाओं से 67 हजार हेक्टेयर जमीन खाली करवा ली गई। उत्तर प्रदेश के माफियाओँ में इस वक्त जिसका खौफ चल रहा है वो नाम है योगी आदित्यनाथ। यूपी में न उन अपराधियों की खैर है जो बल और बंदूक के दम पर कभी दहशत का खेल खेलते थे। न उन भूमाफियाओं का जिन्होंने गरीबों और किसानों की जमीनें हड़प ली। यूपी के हर माफिया पर योगी का हंटर नॉनस्टॉप चल रहा है। माफियाओँ के खिलाफ योगी सरकार का ये एक्शन साल 2017 से जारी है। अब तक 67 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की जमीन इन माफियाओं से खाली करवाई जा चुकी है। इन जमीनों पर मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे कई गैंगस्टर का कब्जा था। योगी सरकार इन जमीनों पर मिनी स्टेडियम, पंचायत घर और टॉयलेट बनवा रही है। अब तक कुल 1 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई है। यूपी के माफियाओं को योगी का मैसेज बहुत साफ है। यूपी में गुंडा-गर्दी नहीं चलेगी।

पंजाब जेल में ऐश करने का आरोप

यूपी के बाहर भी मुख्तार के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद से माना गया कि मुख्तार पर शिकंजा कस रहा है। लेकिन बाद में इस बात का पता चला कि यूपी के साथ तो बड़ा खेल हो गया। बेहद ही चतुराई के साथ मुख्तार यूपी से बाहर हो गया। इसके साथ ही मुख्तार के पंजाब की जेल में ऐश-ओ-आराम के साथ रहने की भी खबरें आई। जिसके बाद यूपी सरकार के कान खड़े हुए और उन्होंने अपने यहां दर्ज केस के सिलसिले में मुख्तार की वापसी की मांग करना शुरू कर दिया। लेकिन पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी तो पंजाब सरकार भी नामचीन वकीलों के साथ सुप्रीम कोर्ट आ खड़ी हुई।

मुख्तार में पंजाब सरकार की दिलचस्पी के मायने

पंजाब में कांग्रेस सरकार है और मुख्तार का कांग्रेस के कोऊ राजनीतिक रिश्ता नहीं है। वह बीएसपी के विधायक हैं लेकिन इसके बावजूद अंसारी के लिए सुप्रीम कोर्ट तक कांग्रेस सरकार की लड़ाई से कई सवाल खड़े हुए। खबर तो ये भी है कि मुख्तार अंसारी के पंजाब सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों से अच्छे संबंध होने की बात भी कही जाती है।

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