मशरक में फर्जी टीईटी सर्टिफिकेट पर बहाल 4 शिक्षक सहित 7 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज

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पूर्व मुखिया छोटे प्रसाद सिंह द्वारा पूर्व में ही नियोजन किया गया था रद्द, फिर भी बनाया गया अभियुक्त

श्रीनारद मीडिया, विक्की बाबा, मशरक, सारण (बिहार ):

 

सारण जिले के मशरक प्रखंड के नवादा पंचायत में फर्जी टीईटी पर बहाल शिक्षकों पर निगरानी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है । हालांकि प्राथमिकी के लिए निगरानी डीएसपी द्वारा जो आवेदन थाना को दिए गए है उसमें वर्ष 2012 – 14 में नियोजन करने वाले तत्कालीन वयोवृद्ध मुखिया छोटे प्रसाद सिंह को भी अभियुक्त बनाया गया । जबकि छोटे प्रसाद सिंह द्वारा वर्ष 2015 में मूल टीईटी प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद सभी 4 शिक्षकों का नियोजन रद्द कर विभाग को सूचित कर इन शिक्षकों दे राशि रिकवरी का निर्देश दिया गया था पुनः इनका नियोजन 2018 में वर्तमान मुखिया रेणु देवी द्वारा प्रधिकार निर्देश के आधार पर किया गया। जबकि प्राथमिकी में वर्तमान मुखिया एवं विभागीय अधिकारियों को मुक्त किया जाने का खेल चर्चा में है । इधर छोटे प्रसाद सिंह ने साजिश के तहत बदनाम करने का आरोप लगाते है मामले को लेकर न्यायालय में जाने की बात कही है। निगरानी जांच के दौरान प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए फोल्डर में टीईटी प्रमाण पत्र नही मिला जब निगरानी जांच शाखा ने पत्रांक 329 / 2019 के माध्यम से 2012-14 में नियोजित नवादा पंचायत के इन शिक्षकों का टीईटी प्रमाण पत्र मांगा तब डेढ़ वर्ष बाद 5 दिसम्बर 2020 को टीईटी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया। जिसे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में सत्यापन के बाद दूसरे अभ्यर्थी का स्कैन फर्जी पाया गया। जिसके आधार पर जांचकर्ता निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के डीएसपी द्वारा मशरक थाना कांड संख्या 122/ 2021 के तहत मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिसमे प्राथमिक विद्यालय ब्राहिमपुर हिन्दी की शिक्षिका वैजयन्ती कुमारी, नवसृजित प्रा विद्यालय ब्राहिमपुर कइया टोला की शिक्षिका माधुरी कुमारी, रूबी कुमारी, संतोष कुमार सिंह मध्य विद्यालय कोरेराव शामिल है। इसके अलावे तत्कालीन मुखिया छोटे प्रसाद सिंह , पंचायत सचिव केशव सिंह एवं मेधा सूची संधारण करने वाले पूर्व पंचायत सचिव तारकेश्वर प्रसाद सहित अन्य का नाम शामिल है। इधर प्राथमिकी दर्ज होते ही कांड के अनुसंधान कर्ता थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा एक्शन ने जांच-पड़ताल शुरू कर दिया है।वही फर्जीवाड़े तरीके से बहाली का खुलासा होने से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।

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