मैत्री मन की होती है साधन एवं धन कि नहीं- आचार्य डॉक्टर केशव जी महाराज
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा के सप्तम दिवस श्री कृष्ण सुदामा के परम मैत्री भाव की व्याख्या उपस्थित जनसमुदाय को अश्रु प्रवाह के लिए विवश कर दिया। जन जन के मुख से यही शब्द निकल रहे थे धन्य है भगवान जो सुदामा जैसे अकिंचन को मित्र बनाया। मित्रता का ऐसा उदाहरण संपूर्ण विश्व में मिलना असंभव है।
श्रीमद्भागवत यज्ञ का समापन इसी व्याख्यान एवं परीक्षित मोक्ष के साथ संपन्न हुआ उपस्थित जन समुदाय एवं यज्ञ के आयोजकों ने भक्ति भाव के साथ आचार्य प्रवर को विदा किए, यही आग्रह सबसे था कि पुनः ऐसे यज्ञ का आयोजन हो।
यज्ञकर्ता पांडे रोड लाइंस के निर्देशक पंडित श्री सत्यदेव जी पांडे पंडित श्री लक्ष्मण जी पांडे पंडित अक्षयवर पांडे सोनू पांडे विजय पांडे आदि ने सभी आचार्य एवं आगंतुकों का स्वागत सम्मान के साथ विदा किये।