रांची महिला कॉलेज में CBI का छापा,नंबर बढ़ाकर नौकरी देने का आरोप.
करोड़ों रुपए काट कर भी आंखें दिखाता है डीवीसी-सीएम हेमंत सोरेन.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के माध्यम से वर्ष 2008 में हुई व्याख्याता नियुक्ति घोटाले में छानबीन में जुटी सीबीआई की टीम ने रांची महिला कॉलेज में छापेमारी की। सीबीआई की टीम ने अंग्रेजी की प्रोफेसर ममता केरकेट्टा को हिरासत में लेकर अपने साथ ले गई।
व्याख्याता नियुक्ति घोटाले में जांच में जुटी ममता केरकेट्टा के खिलाफ भी सीबीआई ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। सीबीआई ने 30 सितंबर 2019 को व्याख्याता नियुक्ति घोटाले में 69 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, इनमें जेपीएससी के पांच अधिकारी 59 व्याख्याता शामिल है।
गौरतलब है कि जेपीएससी ने 745 लेक्चरर पद के लिए जेट परीक्षा आयोजित की थी, इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। कॉपी पर ओवरराइट कर अंक बढ़ाकर व्याख्याता बनाया गया था।
सीबीआई की जांच में 13 विषयों में लेक्चरर के पद पर बहाली में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई थी। इन विषयों में अंग्रेजी, इतिहास, मनोविज्ञान, जीव विज्ञान, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, रसायन, भौतिकी, संस्कृत, मानव शास्त्र, दर्शन शास्त्र व उर्दू शामिल हैं। इन कॉपियों की फॉरेंसिक जांच भी करवाई गई। इसमें यह खुलासा हुआ कि कॉपी पर नंबर में छेड़छाड़ कर मनपसंद लोगों को पास कराया गया है। अभ्यर्थियों की मार्कशीट में अधिकारियों ने दिल खोलकर अंक भरे और उन्हें पास करवाया। जांच में काट-छांटकर नंबर बढ़ाने की भी पुष्टि हुई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को विधानसभा बजट सत्र की पहली पाली में कहा कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से राज्य त्रस्त है। डीवीसी केंद्रीय उपक्रम है। वह आम लोगों को नहीं उद्योग घरानों को बिजली देता है। पहले तो झारखंड के करोड़ों रुपये काट लिए और अब आये दिन डीवीसी आंख दिखाता है। इसके खिलाफ झारखंड में कड़ी कार्रवाई के लिए विपक्ष की सहमति जरूरी है। यदि, विपक्ष की सहमति हो तो बड़ी करवाई कर सकते है। उन्होंने कहा कि झारखंड में डीवीसी पर नकेल कसने के लिये कदम उठाया जाएगा। सरकार निश्चित रूप से करवाई के लिये तैयार है। आहूत बजट सत्र के आठवें दिन सदन की कार्रवाई पहली बार बिना स्थगित हुए चली।
उन्होंने यह जवाब कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के ध्यानाकर्षण पर दिया। विधायक इरफान ने कहा कि डीवीसी समझौते के तहत आसपास के क्षेत्रों में विकास कार्य और मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। डीवीसी पश्चिम बंगाल में विकास कर रहा है। मैथन पावर खुलने से प्रदूषण और बढ़ गया है। कहा कि डीवीसी झारखंड की जमीन, कोयला, पानी का उपयोग करके दिल्ली को सुविधा पहुंचा रहा है। दूसरी ओर गरीब, दलितों और आदिवासी, अल्पसंख्यक की उपेक्षा की जा रही है। इस आशय पर विधायक अमित यादव और उमाशंकर अकेला ने भी आवाज उठाई। परिहवन मंत्री चंपई सोरेन ने डीवीसी के विषय को गंभीर बताया। कहा कि कई विभागों के जल संसाधन, वन पर्यावरण, ऊर्जा के माध्यम से समस्या का समाधान के लिए सरकार ठोस कारवाई करेगी।