अगर सयाजीराव गायकवाड़ नहीं होते तो भीमराव रामजी अम्बेडकर बाबा साहब नहीं होते
श्रीनारद मीडिया‚ राकेश सिंह‚ स्टेट डेस्क:*
भीमराव अम्बेडकर के बारे में बात करते वक्त बढ़ोदरा के महाराजा सियाजीराव गायकवाड़ का जिक्र नहीं करना उनके साथ बहुत बड़ी नाइन्साफी है….क्योंकि अम्बेडकर को “बाबा साहब” इन्होंने ही बनाया था.
जब बाबा साहब निर्धनता के कारण आगे पढ़ नहीं पा रहे थे. तब उन्होंने बढ़ोदरा के महाराज सियाजीराव गायकवाड़ को एक पत्र लिखा कि मैं आगे पढ़ना चाहता हूँ लेकिन मेरी कोई भी मदद नहीं कर रहा है. तब महाराजा ने उन्हे मिलने के लिये बुलाया. बाबा साहब को पढ़ने के लिये इंग्लैड और अमेरिका भेजा, उनके खाने और रहने का खर्चा भी वहन किया.
जब बाबा साहब PHD करके वापस आये तब उन्हे कोई नौकरी पर नहीं रख रहा था. तब भी महाराजा ने उन्हे अपने यहाँ महामंत्री पद पर रखा तथा 10 हजार रूपये वैतन दिया जो आज के 10 करोड़ के बराबर है.
लेकिन ये बात दलित बौद्ध अम्बेडकरवादियों द्वारा दलितों को नहीं बतायी जाती और संवर्णों के प्रति नफरत फैलायी जाती है. सभी एक समान नहीं होते. अच्छे लोग भी हैं इस दुनिया में….यह हमें नहीं भूलना चाहिये.
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