नए कानून से दूर हुई खामियां, उपभोक्ता संरक्षण का नया Law व अधिकार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
तीन दशक पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 की जगह नए उपभोक्ता संरक्षण कानून के लागू होने से उपभोक्ताओं की ताकत तो बढ़ी ही है। साथ ही पुराने नियमों की खामियां भी दूर हुईं हैं। सबसे बड़ी सुविधा यह है कि अब कहीं से भी उपभोक्ता शिकायत दर्ज कर सकता है। पहले उपभोक्ता वहीं शिकायत दर्ज कर सकता था, जहां विक्रेता अपनी सेवाएं देता है। खासतौर पर ई-कामर्स से बढ़ती खरीद को देखते हुए यह कदम उपभोक्ताओं के हित में माना जा रहा है। नए कानून में उपभोक्ता को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये भी सुनवाई में शामिल होने की इजाजत दी गई है। माना जा रहा है कि इससे पैसा और समय दोनों की बचत होगी।
कंपनियों की जवाबदेही तय की गई
उपभोक्ताओं को नए कानून से एक और बड़ी राहत मिली है। पहले किसी उत्पाद में खराबी आने पर या खराब सेवाओं से अगर कोई नुकसान होता था तो उसे बनाने वाली कंपनी को हर्जाना देना होता था। उदाहरण के तौर पर प्रेशर कुकर के फटने पर उपभोक्ता को यदि चोट लगती थी तो उस हादसे के लिए कंपनी को केवल कुकर की कीमत ही देनी होती थी, लेकिन अब कंपनी को हर्जाना भी देना होगा।
साथ ही अब ई-कामर्स कंपनियों पर भी डायरेक्ट सेङ्क्षलग कानून प्रभावी होंगे। फ्लिपकार्ट, स्नैपडील,अमेजन जैसे ई-कामर्स प्लेटफार्म को विक्रेताओं के ब्योरे, जैसे पता, वेबसाइट व ईमेल की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। ई-कामर्स कंपनियों की यह भी जिम्मेदारी होगी की उनके प्लेटफार्म पर किसी तरह के नकली उत्पाद की बिक्री न की जाए। यदि ऐसा होता है तो इसका हर्जाना ई-कामर्स कंपनी को देना होगा। देखा गया है कि ई-कामर्स कंपनियों पर कई नकली उत्पादों की बिक्री की भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, ऐसे में यह कानून उपभोक्ताओं के लिए मददगार होगा। इसके अलावा भ्रामक विज्ञापनों पर भारी पेनाल्टी और ई-कामर्स कंपनियों और इलेक्ट्रानिक उपकरण बेचने वाली कंपनियों के लिए भी सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं। खासतौर से कोरोना काल में इ कामर्स बिजनेस में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। माना जा रहा है कि नए उपभोक्ता संरक्षण कानून से अब इन कंपनियों पर तो अंकुश लगेगा ही, साथ ही उपभोक्ताओं को भी ठगी से राहत मिलेगी
कौन है उपभोक्ता
हर वह व्यक्ति जो वस्तुओं और सेवाओं को अपने उपभोग व आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खरीदता है वह उपभोक्ता है।
उपभोक्ताओं के अधिकार…
वस्तुओं अथवा सेवाओं की गुणवत्ता मात्रा क्षमता शुद्धता कीमत के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार
खतरनाक वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षित रहने का अधिकार
प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न प्रकार की वस्तु या सेवाओं की उपलब्धता
अनुचित या प्रतिबंधात्मक व्यापार से संरक्षित रहने का अधिकार
कैसे और कहां कर सकते हैं शिकायत
अधिवक्ता नवीन तिवारी बताते हैं कि जिस भी चीज के लिए चाहे वह कोई प्रोडक्ट हो अथवा सेवा हम शुल्क अदा करते हैं और उसकी रसीद प्राप्त करते हैं, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के दायरे में आती है। यदि उपभोक्ता अपने को ठगा महसूस करता है तो वह रसीद के साथ अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। उन्होंने बताया कि 10 करोड़ रुपये से अधिक की शिकायतों को राष्ट्रीय विवाद निवारण आयोग सुनता है, जबकि एक करोड़ से अधिक और 10 करोड़ से कम राशि की शिकायत राज्य विवाद निवारण आयोग में की जा सकती है। जिला विवाद निवारण आयोग में एक करोड़ रुपये तक की धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं।
…लेकिन न्याय की डगर आसान नहीं
-आधे से अधिक जिला उपभोक्ता आयोग खाली, कैसे मिले न्याय: उपभोक्ताओं को संरक्षण देने की दिशा में तीन दशक पुराने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में आमूलचूल बदलाव करके सरकार ने यह तो बता दिया कि वह उपभोक्ताओं के पक्ष में खड़ी है, लेकिन मुश्किल यह है कि कानून का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा कैसे? राज्य विवाद निवारण आयोग से लेकर प्रदेश के लगभग हर जिले में मौजूद जिला विवाद निवारण आयोग में रिक्त पड़े पद उपभोक्ताओं के लिए न्याय की राह मुश्किल कर रहे हैं। प्रदेश में 50 फीसद से अधिक जिला विवाद निवारण आयोग निष्क्रिय पड़े हैं, वहीं राज्य विवाद निवारण आयोग में पांच बेंच में से केवल दो बेंच की सुनवाई कर अकेले राज्य आयोग में ही 25000 से अधिक मुकदमे लंबित हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य विवाद निवारण आयोग, अध्यक्ष, न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कहा कि जिला विवाद निवारण आयोग के साथ-साथ राज्य विवाद निवारण आयोग में बड़ी संख्या में इंश्योरेंस कंपनियों व बिल्डर्स के द्वारा ठगे गए उपभोक्ता न्याय की आस में पहुंचते हैं। प्रयास यह है कि उपभोक्ताओं को शीघ्र न्याय मिले। मैं इसी दिशा में कार्य कर रहा हूं। सरकार द्वारा भी रिक्त पदों पर तैनाती के लिए चयन की कार्यवाही की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही हालात बेहतर होंगे और उपभोक्ताओं को शीघ्र न्याय मिल सकेगा।
हेल्पलाइन नंबर
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन
टोल फ्री नंबर 1800114000 या 14404 पर राष्ट्रीय अवकाश छोड़ हर दिन सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक जानकारी ली जा सकती है।