बिहार के एक शख्स ने अपनी करोड़ों की सम्पति दो हाथियों के नाम कर दी
बेटे ने हत्या की कोशिश की तो हाथियों ने जान बचाई
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क :
बिहार की राजधानी पटना के दानापुर स्थित जानीपुर के रहने वाले इस बुजुर्ग ने अपनी करोड़ों की संपत्ति अपने दो गजराज के नाम कर दी है। उनके इस फैसले से पुरे देश ही नहीं परन्तु विदेशों में भी वे पशुप्रेम के लिए नजीर बन गए है। यह कार्य करने वाले अख्तर इमाम को अपनी औलाद से ज्यादा हाथियों पर यकीन है। आखिर औलाद ने जो दुख दिया है, वह ताउम्र याद रहेगा।
अपने बेटे से आहत अख्तर इन हाथियों को संतान की तरह प्यार करते हैं। बताते हैं कि उनके इकलौते बेटे ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया तथा हत्या की भी कोशिश की। इसके बाद उन्होंने अपने बेटे को संपत्ति व घर से बेदखल कर उसे हाथियों के नाम कर दिया है। संपत्ति का आधा हिस्सा पत्नी तो शेष पांच करोड़ का आधा हिस्सा दोनों हाथियों के नाम कर अख्तर संतुष्ट हैं। बताते हैं कि उनकी मौत के बाद उनके मकान व खेत-खलिहान तथा बचत के रुपयेख् सब हाथियों के होंगे। हाथियों के बाद यह संपत्ति ‘ऐरावत’ संस्था को मिलेगी, जिसके अख्तर संरक्षक भी हैं।
संपत्ति के इस बंटवारे के नौ महीने से अधिक गुजर चुके हैं। बेटे को संपत्ति से बेदखल करने का उन्हें कोई अफसोस नहीं है। अख्तर अपने जीवन को अब इन हाथियों के लिए ही समर्पित बताते हैं। कहते हैं, ‘हाथी ही साथी हैं।’
अख्तर इमाम ने इन दोनों हाथियों को अपने परिवार का सदस्य बताते हुए कहा कि इनके बिना वह नहीं रह सकते। अख्तर अपनी पत्नी को तलाक दे चुके हैं और अब राजधानी पटना के जानीपुर इलाके में रहते हैं। अख्तर ने बताया कि मैं 12 वर्ष की उम्र से ही महावत का काम कर रहा हूं। मेरे पिताजी और दादाजी भी महावत थे।
एशियन एलिफेंट रिहैबिलिटेशन एंड वाइल्डलाइफ एनिमल ट्रस्ट (एरावत) के प्रमुख इमाम अख्तर ने बताया कि पिछले सप्ताह मैंने अपनी करीब 6.25 एकड़ जमीन इन दोनों हाथियों के नाम कर दी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मेरे नहीं रहने पर भी इन जानवरों को कभी भूखे नहीं रहना पड़ेगा।
अख्तर ने कहा करीब 8-9 साल पहले मेरी हत्या करने की कोशिश की गई थी। मैं सो रहा था, हथियारों से लैस कुछ अपराधी मेरे घर में घुस आएं और मुझ पर निशाना साधा लेकिन उसी वक्त मोती और रानी जोर जोर से चिंघाड़ने लगे और मैं जाग गया। मैंने शोर मचाया जिसके बाद वो बदमाश वहां से भाग खड़े हुए। आज यदि मैं जिंदा हूं तो वो केवल इन हाथियों की ही मेहरबानी है।
अख्तर इमाम की अपने हाथियों के प्रति प्यार का प्यार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मोती और रानी के लिए 2016 में नालंदा के एक मोची से स्पेशल जूते बनवाए। अख्तर बताते हैं कि कई बार, नाखून या कुछ नुकीली चीजें उनके पैरों में चुभ जाती, जिस कारण उन्हें काफी दर्द होता था, इसी कारण मैंने इनके लिए स्पेशल जूते बनवाएं।
अख्तर ने कहा कि उनको अपने ही परिवार के सदस्यों से अपनी जान का खतरा है, क्योंकि उन्होंने अपनी जमीन अपने दो हाथियों के नाम रजिस्ट्री कर दी है। उन्होंने बिहार के मुख्य वन संरक्षक और पटना जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ कथित तौर पर हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया और उन पर कार्रवाई करने की मांग की है।
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