वयोवृद्ध कवि विश्वनाथ प्रसाद के सद्य:प्रकाशित प्रथम कविता-संग्रह” बिखरे मोती” का हुआ लोकार्पण
श्री नारद मीडिया , प्रतीक कुमार सिंह , मोतीहारी , पूर्वी चंपारण ,बिहार
मोतिहारी। जिले के 90 वर्षीय वयोवृद्ध कवि विश्वनाथ प्रसाद के सद्य:प्रकाशित प्रथम कविता-संग्रह” बिखरे मोती” का लोकार्पण रविवार को सुधालय अगरवा में समारोहपूर्वक किया गया। प्रसाद प्रकाशन,मोतिहारी के तत्वावधान में आयोजित इस प्रकाशित साहित्यिक आयोजन का उदघाटन बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के हिंदी विभागाध्यक्ष तथा दूरस्थ शिक्षा के निदेशक प्रो.(डॉ.)सतीश कुमार राय ने किया। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ प्रसाद जी समय से संवाद करने वाले कवि हैं। बिखरे मोती के अवतरण से न केवल चम्पारण बल्कि हिंदी साहित्य समृद्ध हुआ है। बिखरे मोती का विमोचन डॉ. सतीश की अगुआई में नगर के जाने-माने कवि-साहित्यकारों के द्वारा किया गया। वरिष्ठ कवि अशोक कुमार राकेश ने इस समारोह की अध्यक्षता की। अपने संग्रह से दो कविताओं का पाठ कर विश्वनाथ प्रसाद ने अपनी काव्य-साधना से उपस्थित श्रोताओं को परिचित कराया। कवि विश्वनाथ प्रसाद के सुपुत्र कमल कांत श्रीवास्तव तथा डॉ० राजेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने बाबूजी की रचना-प्रक्रिया और उनके जीवन मूल्यों से परिचित कराया। मंच संचालन साहित्यकार और पुस्तक के प्रकाशक प्रसाद रत्नेश्वर ने किया।
महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी प्रोफेसर डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने कवि विश्वनाथ प्रसाद की कविताओं की समीचीन व्याख्या प्रस्तुत की।इस अवसर पर एम.एस. कॉलेज के प्राचार्य प्रो०(डॉ.) अरुण कुमार, राम रसायन के संपादक प्रो.रामनिरंजन पांडेय, डॉ. विनय कुमार सिंह ने साहित्य-पटल पर इस कविता-संग्रह का स्वागत किया। महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) त्रिलोचन शर्मा, डॉ. टी.पी.सिंह, प्राचार्य डॉ. कर्मात्मा पांडेय, उप महापौर रवि भूषण सिन्हा, पूर्व मुख्य पार्षद प्रकाश अस्थाना, आईसीएआर के सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह, युगांतर के सी.के.मदन, प्रो० विनोद तिवारी, शेखर श्रीवास्तव,अधिवक्ता अशोक श्रीवास्तव,विनय कुमार श्रीवास्तव, चंदन कुमार, श्यामसुंदर राम, रत्नेश्वर ठाकुर एवं नगर के अन्य प्रबुद्ध लोगों ने कवि के स्वस्थ और रचनात्मक जीवन की कामना की।
धन्यवाद ज्ञापन लोक समिति के राय सुन्दरदेव शर्मा ने किया।