एक वर्ष में हटाए जाएंगे फिजिकल टोल बूथ-केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोकसभा में जवाब देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मैं एक वर्ष के भीतर सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि देश के सभी भौतिक रूप से टोल बूथ हटा दिए जाएंगे। जीपीएस इमेजिंग के आधार पर टोल का पैसा इकट्ठा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 15 वर्ष के बाद वाणिज्यिक वाहनों को पंजीकरण से हटाया जाएगा। 20 वर्ष के बाद प्राइवेट वाहनों को पंजीकरण से हटाया जाएगा। केंद्र, राज्य, नगर निगम, पंचायतों, एसटीयू, सार्वजनिक उपक्रमों और संघ और राज्य के साथ स्वायत्त निकायों के सभी वाहनों को 15 साल के बाद पंजीकरण से हटाया जाएगा और स्क्रैप किया जाए।
गडकरी ने कहा कि 20 वर्ष से अधिक पुराने 51 लाख वाहन हैं 15 वर्ष से अधिक पुराने 34 लाख वाहन और वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना 15 वर्ष से अधिक पुराने 17 लाख वाहन हैं। वाहन फिट करने के लिए तैयार हैं। पुराने वाहन 10-12 गुना अधिक वायु प्रदूषण करते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए जोखिम भरे हैं।
उन्होंने कहा कि हम स्वैच्छिक वाहन बेड़े आधुनिकीकरण कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जो पुराने वाहनों को स्क्रैप करेगा और नए वाहनों को खरीदते समय आर्थिक रूप से लोगों का समर्थन करेगा। इस नीति से स्क्रैप सेंटर, ऑटो उद्योग और इससे जुड़े उद्योग लाभान्वित होंगे।
नितिन गडकरी ने ये भी कहा कि देश के 93 प्रतिशत वाहन फास्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान करते हैं, लेकिन शेष 7 प्रतिशत वाहनों ने दोगुने टोल का भुगतान करने के बावजूद फास्टैग नहीं लगवाया है।
उन्होंने कहा कि उन वाहनों के लिए पुलिस जांच का निर्देश दिया है जो फास्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान नहीं करते हैं। अगर वाहनों में फास्टैग फिट नहीं हैं तो टोल चोरी और जीएसटी चोरी का मामला है। फास्टैग टोल प्लाजापर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। 16 फरवरी 2021 से फास्टैग के बिना वाहनों को देश भर में इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर दोगुना टोल शुल्क देना पड़ रहा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार सड़क हादसों में कमी लाने के लिए गंभीर है, क्योंकि पिछले एक साल में जितने लोग कोविड-19 की वजह से मारे गए उससे अधिक लोगों ने दुर्घटनाओं में जान गंवाई है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार सड़क हादसों को लेकर चिंतित है और सड़क दुर्घटनाओं में कमी के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।
गडकरी ने कहा, ”हमारी सरकार सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए गंभीर है। पिछले एक साल में 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, जोकि कोविड से हुई 1.46 लाख मौतों से अधिक है।” मंत्री ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए अधिकतर लोग 18-35 वर्ष के थे।
विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में सबसे अधिक सड़क हादसे भारत में होते हैं। यहां हर साल 4.5 लाख सड़क हादसों में 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं और 4.5 लाख लोग घायल होते हैं। इससे जीडीपी को 3.14 फीसदी का नुकसान होता है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि एक साल के भीतर देश में सभी टोल बूथ हटा दिए जाएंगे। लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि सड़कों पर वाहन बिना रोक-टोक चलेंगे और टैक्स कलेक्शन को जीपीएस बेस्ड बनाया जाएगा।
नितिन गडकरी ने कहा, ”मैं सदन को आश्वास्त करता हूं कि एक साल के अंदर सारे टोल हटा दिए जाएंगे। लेकिन इसका अर्थ है कि टोल नहीं रहेंगे लेकिन आपको जीपीएस के आधार पर टैक्स देना होगा। सड़क पर कैमरा रहेगा और वह जीपीएस इमेज कैच करेगा। जहां से आप जाओगे और जहां निकलोगे उतना ही पैसा आपका कटेगा। ना टोल होगा, ना रोकेगा कोई। और एक साल के अंदर हम लोग यह पूरा करेंगे।” गडकरी ने जब यह ऐलान किया तो सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनके फैसले का स्वागत किया।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदन के सदस्यों गुरजीत औजला, दीपक बैज और कुंवर दानिश अली ने पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शहरों के भीतर टोल पहले बनाए गए। यह गलत है और अन्यायपूर्ण है। एक साल में भी ये टोल खत्म हो जाएगा। इस तरह के टोल में चोरियां बहुत होती थीं।
उन्होंने कहा कि अब गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा और इसके बाद टोल की जरूरत नहीं होगी। गडकरी ने कहा, ”टोल को हटाने का काम एक साल में पूरा हो जाएगा।” एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”90 फीसदी जमीन अधिग्रहण किए बिना हम परियोजना अवार्ड नहीं करते।
जमीन का अधिग्रहण करने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाती है।” गडकरी ने दीपक बैज के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि रायपुर से विशाखापट्नम के बीच ग्रीन हाईवे को मंजूरी दी गई है। काम शुरू हो चुका है। करीब डेढ़ साल में काम पूरा होने की संभावना है। इससे कई राज्यों के लोगों को फायदा होगा।