बिहार विश्वविद्यालय अतिथि प्राध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल विधान पार्षदों से मिला.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार विश्वविद्यालय अतिथि प्राध्यापक संघ के संयोजक डाॅ आमोद प्रबोधी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल उन सभी पांच विधान पार्षद : माननीय डाॅ वीरेन्द्र नारायण यादव (जिनके प्रश्न पर 50000/- मानदेय की घोषणा हुई ), डाॅ संजय कुमार सिंह (जिनके अतिथि सहायक प्राध्यापक संबंधित मांग के प्रश्न पर ही सदन में डिबेट शुरू हुआ), डाॅ संजीव कुमार सिंह (जिन्होंने BSUSC द्वारा “बहाली” नियुक्त अतिथि सहायक प्राध्यापकों के पदों को छोड़कर शेष पदों पर करने की मांग रखी),
प्रो. नवल किशोर यादव और श्री रामचंद्र पूर्वे जी, से मिला और मुंह मीठा कराते हुए उन सभी को प्रदेश के समस्त अतिथि सहायक प्राध्यापक गण की तरफ से हार्दिक आभार प्रकट किया। विदित हो कि इन सभी महोदयों ने दिनांक 13/03/2021 को सदन में प्रदेश के समस्त अतिथि सहायक प्राध्यापकों हेतु तीन सूत्रीय मांग ( 65 वर्ष सेवा विस्तार, इनके पदों को छोड़कर BSUSC द्वारा शेष पदों पर बहाली और बहाली में इनको प्राथमिकता ) को एक सुर में जोरदार तरीके से उठाया (जिसके आलोक में संघ द्वारा 16/03/2021 एक ’15 मिनट के वीडियो’ के साथ व्हाट्सएप पर आभार भी प्रकट किया था)।
तदुपरांत सभी महोदय ने यह आश्वासन भी दिया कि हमारी आवाज को सदन में वें इसी तरह बुलंद करते रहेंगे। उन सभी का विचार लगभग एक जैसा ही रहा कि सरकार से अनुनय-विनय करते हुए हम सबको आगे बढ़ना चाहिए और साथ ही नियमितीकरण/समायोजन जैसे अव्यवहारिक शब्दों से परहेज रखें तभी सरकार/शिक्षा मंत्री आप सभी के प्रति सकारात्मक रवैया रख पायेंगे। सबों का विचार यहीं रहा कि शिक्षा मंत्री से टीम बनाकर मिलते रहिए और कमोबेश इन तीनों मांगों पर ही आगे बढ़ते रहिए।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल माननीय विधान पार्षद श्री उपेंद्र कुशवाहा जी से उनके आवास पर मिला और अतिथि सहायक प्राध्यापकों के सुरक्षित और सुनिश्चित भविष्य हेतु ज्ञापन सौंपा और साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि लगभग तीन महीने से आवेदन द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय से मिलने हेतु समय मांगा जा रहा है ताकि अतिथि सहायक प्राध्यापक गण अपनी बात रख सके लेकिन अब तक मुख्यमंत्री मुख्यालय से कोई जवाब नहीं आया है तो उन्होंने आश्वासन दिया कि ज्ञापन संबंधित और मुलाकात संबंधित समय की मांग से माननीय मुख्यमंत्री महोदय को वो जरूर अवगत करायेंगे।
इस प्रतिनिधिमंडल में डाॅ राजेश चौधरी, डाॅ अमन कुमार, डाॅ रामशुभक, प्रो. डुमरेन्द्र और डाॅ रवि चन्द्रण शामिल थे।