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सीबीआई इंस्पेक्टर की पत्नी ने फांसी लगाकर दी जान,क्यों?

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दस लाख रुपए की फिरौती के लिए दोस्त की गला रेतकर हत्या.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

फीलखाना में शनिवार देर रात बेंगलुरु में तैनात जयपुर निवासी सीबीआई इंस्पेक्टर की पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला की यह दूसरी शादी थी। वह अपनी नौ साल की बेटी के साथ किराए पर रह रही थी। बेटी ने फंदे पर मां का शव लटकता देखा तो शोर मचाया। फीलखाना पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि हुई है।

बंगाली मोहाल निवासी मां कामिनी कश्यप ने बताया कि फरवरी, 2010 में उसकी बेटी सोनी की पहली शादी फर्रुखाबाद निवासी राहुल से हुई थी। पिछले साल उसके साथ तलाक हो गया था। इस दौरान कचहरी में एक अधिवक्ता ने जयपुर आनंद सिटी निवासी विशाल चौधरी से सोनी की शादी करवाई थी। शादी जयपुर के एक मंदिर में हुई थी। विशाल सीबीआई में इंस्पेक्टर है और वर्तमान में बेंगलुरु में तैनात है। मां कामिनी के मुताबिक, शादी के बाद बेटी दामाद संग रह रही थी। आरोप है कि करीब 4 माह पहले विशाल ने सोनी से मारपीट की। इसमें उसे काफी चोटें आई थीं। इसके बाद सोनी अपनी नौ साल की बेटी पीहू के साथ कानपुर लौट आई और पटकापुर में किराए के मकान में रहने लगी।

शनिवार रात पति से बात करने के बाद सोनी अपनी बेटी पीहू के साथ कमरे में सो गई थी। तभी सोनी ने दुपट्टे के सहारे पंखे से फांसी लगा ली, जब रात में पीहू की आंख खुली तो मां को फांसी के फंदे पर लटकता देखा। घटना की जानकारी पर फीलखाना पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फीलखाना इंस्पेक्टर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि हुई है। परिजनों ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है।

दस लाख की फिरौती के लिए दोस्तों ने फरसे से गला रेतकर युवक की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद शव कंबल और चादर में छिपाकर रिंद नदी के किनारे फेंक दिया। लाश ठिकाने लगाने के लिए मृतक की बाइक का इस्तेमाल किया गया। पुलिस दो चंद घंटों में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक बहुचर्चित संजीत कांड की तरह इस घटना को अंजाम दिया गया।

बर्रा-2 मनोहर नगर निवासी रिटायर ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीकर्मी राम अवतार प्रभाकर का छोटा बेटा विनय प्रभाकर (26) की पांच दिन पहले चौबेपुर स्थित लोहिया फैक्ट्री में नौकरी लगी थी। बड़े भाई पवन के मुताबिक शुक्रवार शाम विनय ड्यूटी से घर लौटा था। शाम 7:30 बजे मोबाइल पर कॉल आने के बाद वह बाइक से निकल गया। रात में घर न लौटने पर सोचा कि दोस्त के यहां रुक गया होगा। शनिवार सुबह पांच बजे बर्रा पुलिस घर आई और विनय की बाइक खाड़ेपुर-फत्तेपुर मोड़ के पास मिलने की जानकारी दी। परिजन पहुंचे तो बाइक मिल गई पर विनय का पता नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने बताया कि बिधनू में रिंद नदी किनारे किसी का शव मिला है। यहां पवन ने शव की शिनाख्त विनय के रूप में की। तहरीर पर पुलिस ने हत्या और साक्ष्य छिपाने और एससी-एसटी की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

हत्यारोपियों की मां और चाचा ने जताई थी आशंका
बर्रा इंस्पेक्टर ने बताया कि बर्रा-8 निवासी शीलादेवी और उनके देवर आनंद रात साढ़े 10 बजे पुलिस चौकी पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनका बेटा शैलेष और उसका दोस्त अर्श गुप्ता व विनय घर पर नीचे कमरे में शराब पी रहे थे। कुछ घंटे बाद वह लोग बाइक से कहीं चले गए। कुछ देर बाद जब वह लोग कमरे में गए तो खून से सना चादर दिखा। अनहोनी की आशंका जताते हुए शीला और शैलेष के चाचा चौकी पहुंचे। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। शव ठिकाने लगाने के बाद घर लौटे दोनों आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया। जब पूछताछ की तो पता चला कि दस लाख रुपए के लिए विनय का कत्ल किया गया। संजीतकांड की तरह विनय के परिवार से भी फिरौती की रकम हत्यारोपी वसूलना चाहते थे।

 

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