अतीक पर कसा शिकंजा, देवरिया जेल कांड में इमरान के खिलाफ चार्जशीट.
पांच महीने से जाने कहां जा छिपे हैं आईपीएस मणिलाल पाटीदार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल शिफ्ट किए जाने के बाद अब पूर्व सांसद अतीक अहमद पर भी शिकंजा और कसने लगा है। अतीक, फिलहाल अहमदाबाद जेल में बंद हैं। देवरिया जेल कांड को लेकर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बुधवार को धूमनगंज पुलिस ने अतीक के साढू इमरान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। देवरिया जेल कांड को लेकर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। साल 2019 में धूमनगंज निवासी प्रापर्टी डीलर मो. जैद को रंगदारी नहीं देने पर अगवा कर लिया गया था।
अगवा करने के बाद उसे देवरिया जेल ले जाया गया था। उस वक्त देवरिया जेल में माफिया अतीक अहमद भी बंद था। जैद को अतीक के गुर्गों ने जेल में बुरी तरह पीटा था। इंस्पेक्टर अनुपम शर्मा ने बताया कि जैद को अगवा व पीटने के आरोप में इमरान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
ये हुआ था विवाद
पूर्व सांसद अतीक अहमद के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले धूमनगंज के मो.जैद का संपत्ति को लेकर विवाद हो गया था। जनवरी 2020 में जैद ने पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत 15 के खिलाफ धूमनगंज थाने में अपहरण, रंगदारी मांगने, जानलेवा हमला और साजिश रचने की एफआइआर दर्ज कराई थी।
जैद ने आरोप लगाया था कि अतीक अहमद के इशारे पर उनके गुर्गे धूमनगंज से उसे अगवा करके देवरिया जेल ले गए। उस वक्त अतीक अहमद देवरिया जेल में बंद थे। अतीक के गुर्गों ने देवरिया जेल में ही मोहम्मद जैद के रुपये व अन्य जरूरी सामान लूट लिए। घटना के बाद जैद ने मुकदमा दर्ज कराया था।
वर्ष 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार पिछले पांच महीने से यूपी पुलिस को छका रहे हैं। वह 50 हजार के इनामी भी हो चुके हैं। महोबा पुलिस के अलावा विजिलेंस और ईडी को भी उनकी तलाश है। बावजूद इसके प्रयागराज के एएसपी क्राइम की अगुवाई में गठित एसआईटी के अलावा एसटीएफ भी पाटीदार का सुरक्षा घेरा नहीं तोड़ पा रही है।
जारी हो चुका है कुर्की का नोटिस
नौ सितंबर 2020 से ही निलंबित चल रहे पाटीदार की अब कोर्ट के आदेश से कुर्की की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कोर्ट से जारी कुर्की की नोटिस का पुलिस ने तामीला कर दिया है। यह नोटिस पाटीदार के डूंगरपुर (राजस्थान) जिले के सगवाड़ा थाना क्षेत्र में सरौंदा गांव स्थित पैतृक घर पर भी चस्पा किया गया है। इसके बाद भी अब कुर्की की जाएगी। पाटीदार पर महोबा के क्रशर कारोबी इंद्रकांत त्रिपाठी से रंगदारी मांगने, उसे आत्महत्या के लिए उकसाने तथा भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। निलंबित होने के बाद से ही वह फरार चल रहे हैं। वह जांच के लिए तत्कालीन आईजी रेंज वाराणसी विजय सिंह मीना की अध्यक्षता में गठित एसआईटी के सामने भी नहीं आए थे। पाटीदार के खिलाफ पहले हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन एसआईटी की जांच में आत्महत्या की बात सामने आने पर उसे आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 में परिवर्तित कर दिया गया था। क्रशर कारोबारी ने अपनी मौत से पहले पाटीदार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
आगे नहीं बढ़ पा रही विजिलेंस व ईडी की जांच
शासन के आदेश पर विजिलेंस पाटीदार के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों एवं आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रही है। उसने पाटीदार की तैनाती वाले जिलों से जानकारियां तो जुटी ली हैं लेकिन पूछताछ न हो पाने से जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसी तरह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मनी लांड्रिंग के आरोपों से संबंधित जांच भी रुकी हुई है। दोनों एजेंसियों की पुलिस पर निगाह बनी हुई है। हांलांकि पुलिस का दावा है कि वह पाटीदार के सभी संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। उसने राजस्थान समेत देश के कई हिस्सों में उनकी तलाश की है। यह तलाश अभी भी जारी है।
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