कोरोना फेंफड़े पर कर रहा हमला, खांसी है डॉक्टर से मिलें.

कोरोना फेंफड़े पर कर रहा हमला, खांसी है डॉक्टर से मिलें.

जेल प्रशासन से कैदी की अपील,कोरोना से बचना जरूरी है साहब.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

राज्य में कोरोना का संक्रमण इस बार संक्रमितों के फेफड़े पर तेजी से हमला कर रहा है। इसके इलाज में देरी होने से खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में चिकित्सकों की सलाह है कि कोरोना के अन्य लक्षणों के नहीं होने पर भी अगर खांसी है तो नजदीकी डॉक्टर से अवश्य मिलें।

लक्षणात्मक मरीज अधिक आ रहे अस्पताल में 
एनएमसीएच पटना के  कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिन्हा के अनुसार, अस्पताल में अधिकांश मरीज लक्षणात्मक (ए सिम्प्टोमेटिक) आ रहे हैं। इनमें अधिकांश मरीज देर से इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। जबकि पिछले वर्ष ज्यादातर मरीज बिना लक्षण वाले आ रहे थे। मरीज को कोई जानकारी नहीं होती थी। इस बार संक्रमित व्यक्ति खुद के इलाज के चक्कर में देर कर रहे हैं या वे इसे सामान्य समझकर देर कर रहे हैं। इस कारण इलाज शुरू होने में देरी हो रही है। ऐसे मरीजों का सीटी स्कैन कर नुकसान को कम करने की कोशिश की जाती है। जिन मरीजों को खांसी रह रहा है उन्हें सलाह है कि वे जल्द इसकी जांच करा लें।

लंग्स में इंफेक्शन से फाइब्रोसिस होने की संभावना अधिक 
एम्स, पटना के कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव कुमार के अनुसार, लंग्स में इंफेक्शन होने से फाइब्रोसिस होने की संभावना होती है। कोरोना के कारण लंग्स के संकुचित होने से समस्या बढ़ती है। लंग्स की छोटी-छोटी कोशिकाएं नष्ट होती हैं। इससे प्लुरल इरिटेशन होता है। डॉ संजीव ने बताया कि कोरोना के मरीजों में कई बैक्टीरियल इंफेक्शन भी होता है। लंग्स में ज्यादा इंफेक्शन होने से बलगम निकलने की समस्या बढ़ती है। कोरोना ठीक होने के बाद भी फाइब्रोसिस की समस्या बनी रहती है। इससे बचाव के लिए एंटी एलर्जिक दवा और एंटीबायोटिक दवा डॉक्टर के परामर्श के अनुसार लेना चाहिए। गर्म पानी से गार्गल करें, स्टीम लें और खुली हवा में एरोबिक व्यायाम करें।

कैंसर से लड़ रहा हूं और लड़ ही लूंगा पर कोरोना से बचना जरुरी है साहब। बाहर की स्थिति बहुत खराब है। ऐसे में इलाज के लिए पटना जाना ठीक नहीं है। जब कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो जायेगा, हालात सुधर जायेंगे तब अपनी बीमारी का इलाज कराने जाऊंगा। विशेष केंद्रीय कारा में बंद एक बंदी को जब जेल प्रशासन ने उसकी कैंसर की बीमारी का इलाज कराने के लिए पटना जाने को कहा तो उस बंदी ने ऐसा ही जवाब दिया। जेल प्रशासन के काफी समझाने के बाद भी वह इलाज के लिए पटना जाने को तैयार नहीं हुआ। 

कोरोना हो जायेगा तो क्या करेंगे
समझाने के बाद जेल में बंद बंदी ने जेल पदाधिकारी से कहा कि वह पहले से एक बीमारी को झेल रहा है ऐसे में अगर वह कोरोना संक्रमित हो गया तो उसके लिए और मुश्किल हो जायेगी। उससे कहा गया कि पटना जाने पर वहीं उसके एक दिन ठहरने की व्यवस्था करा दी जायेगी पर वह नहीं माना। उसने यह भी कहा कि वह कोरोना संक्रमित हो जायेगा तो उससे यह संक्रमण दूसरे साथी बंदी तक पहुंच जायेगा जिससे हालात बिगड़ जायेंगे। विशेष केंद्रीय कारा के अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि  समझाने के बाद भी वह इलाज के लिए जाने को तैयार नहीं हुआ।

गिरफ्तारी के बाद मुंगेर भेजे जाएंगे अभियुक्त 
कोरोना संक्रमण को देखते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें 15 दिनों के लिए मुंगेर जेल स्थित क्वारंटाइन सेंटर भेजा जाता था। कोरोना संक्रमण कम होने पर इस व्यवस्था को बंद कर दिया और गिरफ्तारी के बाद सीधे शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा और विशेष केंद्रीय कारा में अभियुक्तों को भेजा जाने लगा। अब फिर से जब कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है तो पहले की व्यवस्था को फिर से लागू किया जायेगा। विशेष केंद्रीय कारा के अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि जेल आईजी के साथ इसको लेकर बात हो गयी है और उन्होंने 15 दिनों के लिए मुंगेर भेजने की व्यवस्था फिर से चालू करने का निर्देश दिया है।

संक्रमण बढ़ता देख बंदियों पर रखी जा रही नजर 
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए विशेष केंद्रीय कारा और शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में सतर्कता बरती जा रही है। दोनों जेल प्रशासन द्वारा मुलाकातियों के आने पर पहले से रोक लगाई जा चुकी है। दोनों जेल में बंद बंदियों के स्वास्थ्य पर ध्यान रखा जा रहा है। दोनों जेल अधीक्षक ने बताया कि किसी बंदी में कोरोना के लक्षण मिलते ही तुरंत उसकी जांच कराई जायेगी। जेलों में बाहर से किसी भी तरह के सामान के लाने पर भी रोक है।

इसे भी पढ़े…

Leave a Reply

error: Content is protected !!