झारखंड में लगेगा लॉकडाउन? मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुलाई सर्वदलीय बैठक.
गढ़वा में 55 नए मरीज मिले, रमना अंचल के सीओ की मौत.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राज्य में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच झारखंड में यूके स्ट्रेन एवं डबल म्यूटेंट कोविड की पुष्टि से सरकार की चिंता गहरी हुई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संक्रमण का दायरा बड़ा देखते हुए मजबूती से विमर्श कर कड़े निर्णय का संकेत एक दिन पहले ही उच्च स्तरीय बैठक के बाद दिया। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम साढ़े छह बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक वर्चुअल माध्यम से होगी। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा राज्य के सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को सूचना दी जा रही है और इस वर्चुअल बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें कल दोपहर तक लिंक उपलब्ध करा दिया जाएगा ।
सभी दलों से सुझाव लेने के बाद सरकार लेगी निर्णय
राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से विचार विमर्श और सुझाव लेने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोरोना की रोकथाम और बचाव को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा दिए जाने वाले सुझावों के आधार पर सरकार आगे कोई निर्णय लेगी।
संक्रमित मरीजों की जान बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री झारखंड में कोरोना संक्रमण पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और इसे नियंत्रित करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री कोविड-19 की जांच में तेजी लाने और अस्पतालों में संक्रमितों के बेहतर इलाज के लिए पहले ही कई निर्देश दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है संक्रमित मरीजों की जान बचाना पहली प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना की वजह से हालात को नियंत्रित करने के लिए जल्दी कई और कड़े कदम उठाए जाएंगे। दूसरी ओर सर्वदलीय बैठक की वजह से ही शुक्रवार को आपदा प्रबंधन विभाग की प्रस्तावित बैठक को टाल दिया गया।
कई पाबंदियां मुमकिन
सूत्रों के अनुसार सर्वदलीय बैठक के बाद सूबे में धार्मिक स्थल, बाजार को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। इन स्थानों पर भीड़ से चिंता बढ़ी है। रात में कर्फ्यू या शनिवार-रविवार को कर्फ्यू पर सरकार फैसला ले सकती है। रात में बाजार खुलने का समय कम किया जा सकता है। बाहर से आने वाले लोगों को लेकर भी सरकार व्यवस्था कर सकती है। इनके लिए कोरोना जांच और शहर से पंचायत स्तर तक कॉरंटाइन सेंटर शुरू करने पर निर्णय मुमकिन है। शादी समारोह में 200 और अंतिम संस्कार में 50 लोगों की संख्या को और कम किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार कड़े फैसले भी ले सकती है। इसके लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में किए गए उपायों पर भी मंथन चल रहा है।
झारखंड के गढ़वा मेें एक बार फिर कोरोना विस्फोट हुआ है। शुक्रवार को जिलेभर में 55 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। वहीं 19 लोग स्वस्थ भी हो गए हैं। फिलहाल जिले में कुल 278 संक्रमित हैं जिनका इलाज चल रहा है। संक्रमितों में अधिसंख्य को होम आइसोलेशन में रखा गया है। घर पर ही उन्हें रखकर जरूरी दवाइयां दी जा रही हैं। इसी बीच होम आइसोलेशन में इलाज चल रहे जिलांतर्गत रमना अंचल के सीओ संजीव कुमार भारती के निधन पर हड़कंप मच गया।
बताया जाता है कि वह सात अप्रैल को सैंपल जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उन्हें होम आइसोलेशन में रखकर उनका इलाज किया जा रहा था। रिपोर्ट आने के बाद चिकित्सकों की सलाह पर होम आइसोलेशन में थे। शुक्रवार को हालत बिगड़ने की स्थिति में जिला के वरीय अधिकारियों के सहयोग से बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल से रांची भेजा जा रहा था। उनकी मौत रिम्स पहुंचने के साथ ही हो गई।
उनके निधन की सूचना से प्रखंड व अंचलकर्मी शोक में डूब गए। इस तरह एक साल से अधिक समय से जिले में कोरोन संक्रमण से मौत का आंकड़ा 15 पहुंच गया। इस साल संक्रमण से मौत का यह पहला मामला है। उनकी मौत की खबर जिलेभर में आग की तरह फैली। बताया जाता है कि उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह जानकारी सीएस डॉक्टर दिनेश सिंह ने दी। मालूम हो कि उन्होंने कोविड का दोनों डोज ले लिया था। उसके बाद भी वह संक्रमित हो गए और उनकी मौत हो गई।
रमना सीओ संजीव कुमार भारती की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गई है। उन्हें गुरुवार को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनकी तबीयत बिगड़ने पर रिम्स भेजा जा रहा था। रिम्स पहुंचने के बाद उनकी मौत हो गई। उन्होंने कोविड का दोनों टीका भी ले लिया था।
डॉ दिनेश सिंह, सिविल सर्जन, गढ़वा
कोविड के कारण शहर के बाराद्वारी से चार दिनों में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। एमजीएम अस्पताल की रिटायर हेड नर्स गुरुवार देर रात निधन हो गया था। वह 70 वर्ष की थीं। इससे कोहराम मचा हुआ है। मरने वालों में रिटायर नर्स, उसकी बेटी और उसका भाई शामिल हैं। नर्स की बड़ी बेटी की भी हालत गंभीर है। उसका भी एमजीएम में इलाज चल रहा है।
सबसे पहले रिटायर नर्स की बेटी व एमजीएम अस्पताल की नर्स को पिछले दिनों में सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां दो चार घंटे में भी डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शव घर पहुंचा और अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार के बाद दूसरे दिन उसके भाई की तबीयत बिगड़ी और उसे भी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद रिटायर नर्स तीन दिनों बाद अस्पताल में जीवन और मौत के बीच जूझती रही और गुरुवार देर रात दम तोड़ दिया।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि रिटायर नर्स की बेटी पॉजिटिव थी, अस्पताल की कर्मी होने के नाते उसकी मौत के बाद शव घर ले जाने दिया गया। परिवार के अन्य सदस्यों की स्थिति बिगड़ने के बाद जांच हुई तो पॉजिटिव होने की जानकारी मिली। इसके बाद अन्य शवों को घर ले जाने से रोका गया।
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