बिहार पुलिस अकादमी में 24 प्रशिक्षु डीएसपी की हुई पासआउट परेड.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
इंसाफ का पहला पड़ाव है पुलिस : डीजी आरएस भट्टी
दीक्षांत परेड वर्दीधारी के लिए रखता है मायने : निदेशक
बिहार पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण पाने वाले 60वें से 62वें बैच के 24 प्रशिक्षु डीएसपी ने शनिवार को पास आउट परेड में राज्य व आम जनता की सेवा की शपथ ली। ये राजगीर के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में वर्ष 2018 से प्रशिक्षण ले रहे थे। कोराना काल के कारण प्रशिक्षण में देरी हुई। प्रशिक्षण ले रहे डीएसपी रैंक के जवानों ने बाइक पर हाथ में तिरंगा लेकर व कराटे और जलती हुई आग से पार होकर अपना जौहर दिखाया। दीक्षांत समारोह में जवानों से डीजी आरएस भट्टी ने जवानों से सलामी ली। जवानों को शपथ दिलायी।
श्री भट्टी ने कहा कि इंसाफ का पहला पड़ाव है पुलिस। इसलिए समाज की सेवा भावना से काम करें। अपनी जिम्मेवारी को समझें। न्यायप्रिय बनें। कामों में न्याय करें। भेदभाव न करें। अच्छे पुलिस के साथ बेहतर नागरिक बनें। समाज की अपेक्षा पर हमेशा खरा उतरें। पुलिस के लिए चैलेज बढ़ गयी है। जीवन भर चैलेंज का सामना करना पड़ता है। अच्छे पुलिस के साथ एक बेहतर नागरिक भी बनें। इसके लिए फिजिकल फिटनेश जरूरी है। व्यवहार कुशल बनें।
श्री भट्टी ने कहा कि पुलिस की नौकरी के लिए ज्ञान जरूरी है। कानून का ज्ञान जिसमें उसकी धारा की सही जानकारी हो। इससे ही वे समाज के लोगों को सही इंसाफ दे सकेंगे। सेवा भाव के साथ लोगों की समस्याओं को सुनें। लोगों से सरलता से मिलें। वहीं समस्या को हल करने के लिए एक टीम की तरह काम करें। इससे सफलता मिलेगी। इस मौके पर निदेशक भृगु श्रीनिवासन, उप निदेशक प्राणतोष कुमार दास, मगध रेंज के आईजी अमित लोढ़ा, एसपी अजय कुमार पांडेय, एसपी इनामुल हक, इंस्पेक्टर प्रशांत भारद्वाज सहित अन्य मौजूद थे।
दीक्षांत परेड वर्दीधारी के लिए रखता है मायने
बिहार पुलिस अकादमी के निदेशक भृगु श्रीनिवासन ने कहा कि दीक्षांत परेड हर वर्दीधारी के लिए उसके जीवन में खास मायने रखता है। यह काफी अहम क्षण होता है। राष्ट्रध्वज को हाथ लगाकर देश सेवा की प्रतिज्ञा लेता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के कारण इन प्रशिक्षुओं को ऑनलाइन ट्रेनिंग लेनी पड़ी। अपने ट्रेनिंग के दौरान अपना आत्मविश्वास को बढ़ाया। हर तरह के चाहे घुड़सवारी हो, पानी में तैराकी हो, उछल-कूद हो, हथियार चलाना, मैनेजमेंट कोर्स, आउटडोर में लॉ एंड ऑर्डर, दौड़ को पूरा किया। हर चैलेंज को स्वीकारा। अपने कर्त्तव्य के प्रति इमानदारी बरतें। लोगों का सेवक बनें।
उप निदेशक प्राणतोष कुमार दास ने बताया कि ये प्रशिक्षु कोविड-19 के समय आये थे। इन 24 प्रशिक्षुओं में से 9 महिला डीएसपी हैं। इतनी सारी महिलाएं एक साथ पास आउट कर रही हैं। यह बड़े ही गर्व की बात है। यहां से जाने के बाद ये सूबे की विभिन्न जगहों पर जाकर लोगों की सेवा में जुट जायेंगे। शपथ लें कि वे सरकार व परिवार के साथ आम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। यहां पर इन जवानों को फिजिकल फिटनेस के साथ अध्ययन की क्षमता का विकास हुआ है। सीखने की ललक हमेशा बनाये रखें।
अपराध को नियंत्रण के लिए उस पर नजर बनाये रखें। लोगों के लिए काम करें। उन्होंने बताया कि इन प्रशिक्षु डीएसपी को यहां पर अपराध शास्त्र, मानवाधिकार, सामुदायिक पुलिसिंग, शास्त्र प्रशिक्षण, शस्त्र प्रशिक्षण, पीटी, मोटर ड्राइविंग, अश्वरोहण, तैराकी की टे्रनिंग दी गयी है। ये अब मजबूत इरादों से आतंकवाद व नक्सलवाद से लड़ने को पूरी तरह से तैयार हैं।
सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु डीएसपी बने महताब आलम
प्रशिक्षण काल में जिन डीएसपी प्रशिक्षुओं ने बेहतर काम किया उन्हें दीक्षांत समारोह के दौरान डीजी आरएस भट्टी के हाथों पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार पाने वालों में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु डीएसपी महताब आलम को मुख्यमंत्री का रिवाल्वर दिया गया। वहीं पुलिस महानिदेशक की रैतिक तलवार भी महताब आलम को मिला। पुलिस महानिदेशक का रैतिक बैटन अमरनाथ त्रिपाठी को, महिलाओं में सबसे अधिक के लिए निधि कुमारी व सर्वश्रेष्ठ परेड कमांडर के लिए प्रांजल को पुरस्कार मिला। वहीं डायरेक्टर्स ट्राफी से प्रांजल, शिवम कुमार, नेहा कुमारी, मो. मुशीर आलम, विनिता सिन्हा को सम्मानित किया गया। समारोह में वीआईपी गेस्ट के अलावा अधिकारियों व जवानों के परिवार के लोग ही शामिल हो सके।
ये हैं 60वें से 62वें बैच के डीएसपी
बिहार पुलिस अकादमी से 60वें से 62वें बैच के 24 प्रशिक्षु डीएसपी का शनिवार को पास आउट परेड हुई। इनमें प्रांजल, इमरान अहमद, अमरनाथ, महताब आलम, अर्चना कुमारी, शिवम कुमार, सर्वेश चन्द्र, सियाराम यादव, ज्योति कश्यप, सद्दाम हुसैन, विवेक कुमार शर्मा, आनंद मोहन गुप्ता, प्रभात रंजन, विनिता सिन्हा, निशिकांत भारती, अनुराधा सिंह, निधि कुमारी, प्रीतम कुमार, अर्जुन कुमार गुप्ता, सोनल कुमारी, कुमारी दुर्गा शक्ति, नेहा कुमारी, मृदु लता व मुशीर आलम शामिल हैं।