जिन्होंने लालू को जेल भिजवाया, वे अब पुत्र मोह में लालू चालीसा पढ रहे हैं – सुशील कुमार मोदी
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
शिवानंद तिवारी ने चारा घोटाला में लालू प्रसाद को जेल भिजवाया, लेकिन जब लालू प्रसाद की मेहरबानी से उन्हें संंगठन में बड़ा पद और बेटे को विधायक बनवाने में सफलता मिल गई, तब संन्यास तोड कर लालू चालीसा पढ रहे हैं।
वे राज्यसभा का टिकट पाने के लिए कभी नीतीश कुमार तो कभी लालू प्रसाद के समर्थक बनते रहे, लेकिन भरोसेमंद किसी के नहीं हुए।
शिवानंद तिवारी में यदि समाजवाद को लेकर ईमानदारी बची होती, तो उन्होंने बेनामी सम्पत्ति के आरोपी तेजस्वी प्रसाद यादव का बचाव न किया होता।
उनमें यदि सामाजिक न्याय के प्रति निष्ठा होती तो वे रधुवंश प्रसाद सिंह की तरह ऊंची जाति के गरीबों को 10 ,फीसद आरक्षण देने के एनडीए सरकार के फैसले का समर्थन करते।
जिनकी राजनीति न सिद्धांत के प्रति निष्ठावान रही, न पार्टी नेतृत्व के प्रति, वे दूसरों पर टिप्पणी कर रहे हैं।
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